जम्मू- कश्मीर। करीब एक सप्ताह बाद यानी 30 जून से बहुप्रतिक्षित तथा करीब दो साल बाद अमरनाथ यात्रा की शुरुआत हो रही है। इसके पहले जत्थे की रवानगी तथा सुरक्षा के लिए व्यापक प्रबंध कर लिया गया है। यह यात्रा 11 अगस्त तक चलेगी। पूरी यात्रा को सुरक्षित बनाने की दिशा में केन्द्र और जम्मू- कश्मीर प्रशासन पूरी तरह से तत्पर और सक्रिय है।
करीब 55 किलोमीटर तक यानी पहलगाम से गुफा और बालटाल से गुफा के साथ ही अन्य मार्गों की सुख सुविधाओं के लिए करीब साढ़े तीन लाख सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अमरनाथ यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी सम्भव प्रबन्ध करने का निर्देश दिया है।
रक्षामंत्री ने कहा है कि सुरक्षा बल आतंकियों के खिलाफ समन्वित ढंग से बड़ा अभियान चलाये। यात्रियों की आवश्यकता के अनुसार श्रीनगर में विमान सेवाएं बढ़ाने का निर्देश भी दिया गया है । सभी यात्रियों की सुरक्षा की दृष्टि से रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (आरएफआईडी) कार्ड जारी होगा और हर पंजीकृत यात्री का पांच लाख रुपये का बीमा भी होगा।
उसकी यात्रा की समाप्ति के बाद यह बीमा स्वतः ही समाप्त हो जाएगा। इस बार अब तक करीब साढ़े पांच लाख श्रद्धालुओं ने विभिन्न माध्यमों से पंजीकरण करा लिया है। पहाड़ों पर तथा ऊंचाई वाले स्थानों पर आक्सीजन सिलेण्डर के साथ अन्य चिकित्सकीय व्यवस्था की गई है। यात्रियों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो इसके लिए प्राथमिकता के आधार पर व्यवस्था की जा रही है।
सबसे जरूरी है यात्रियों को भयमुक्त करना और इस के लिए सभी जरूरी उपाय किए जा रहे है।इधर सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में कई आतंकी मारे भी गये हैं। इससे यात्रियों के मन में भी अपनी सुरक्षा को लेकर भरोसा बढ़ा है। कुल मिला कर यह यात्रा चुनौतीपूर्ण होने के साथ साथ आवश्यक प्रतिष्ठा भी है और इसे सुरक्षाबलों के बल पर आसानी से पूरा किया जाएगा।