भिखारियों को कौशल प्रशिक्षण देकर पुनर्वास कराएगी दिल्ली सरकार
नई दिल्ली। दिल्ली सरकार ने दिल्ली को भिखारी मुक्त बनाने के लिए ठोस पहल की है। समाज कल्याण मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर सोमवार को मध्य जिले में दो प्रशिक्षण और कौशल विकास केंद्रों की स्थापना की। यहां भिखारियों को रोजगार परक कौशल प्रशिक्षण दिया जाएगा और इनका पुनर्वास कराया जाएगा। समाज कल्याण विभाग ने सोमवार को दिल्ली सचिवालय में एक कार्यक्रम के दौरान भिखारियों से संबंधित सर्वे रिपोर्ट पेश की। इनका भीख मांगने के अधिनियम (पीईएबी) के तहत पुनर्वास किया जाएगा। सर्वेक्षण के अनुसार सभी 11 जिलों में करीब 20,719 लोग भीख मांगकर अपना गुजारा करते हैं। इनमें 10987 पुरुष, 9541 महिलाएं और 191 ट्रांसजेंडर शामिल हैं। भिखारियों की सबसे अधिक संख्या पूर्वी दिल्ली में पाई गई है। यहां करीब 2797 लोग भीख मांगने में लगे पाए गए। इसी साल फरवरी से सर्वे शुरू किया गया था। समाज कल्याण मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने कहा कि सर्वेक्षण में मिले भिखारियों के व्यापक स्तर पर पुनर्वास की रणनीति विभाग तैयार कर रहा है। हमारा उद्देश्य भिखारियों का पुनर्वास कर दिल्ली को भिखारी मुक्त बनाना है। हम भिखारियों को कौशल प्रशिक्षण देंगे, ताकि वे रोजगार कर समाज की मुख्य धारा में शामिल हो सकें।