रिलेशनशिप। खुशमिजाज लोग हर महफ़िल की जान होते हैं। इनके पास रहने से एक पॉजिटिव एनर्जी महसूस होती है। हर किसी से बात करना, मस्ती मज़ाक करना और अपने आस पास के लोगों को खुश रखना भी एक कला है। एक तरफ जहां हैप्पी पर्सनैलिटी आपको भीड़ से अलग दिखाकर, पर्सनैलिटी को अट्रैक्टिव बनाती है। वहीं दूसरी ओर आते हैं बोरिंग लोग, जिनका आस पास होना ना होना बराबर लगता है।
बोरिंग पर्सनैलिटी ना अट्रैक्टिव होती है और ना ही स्वास्थ्य की दृष्टि से अच्छी मानी जाती है। उनकी मेंटल हेल्थ अच्छी नहीं होती जिसके चलते फिजिकल बॉडी भी फिट नहीं रह पाती। बोरिंग पर्सनैलिटी के लोग अपनी फीलिंग्स जाहिर नहीं कर पाते और ना ही किसी की बात सुनना पसंद करते हैं। व्यक्ति को पता भी नहीं चलता और शांत स्वभाव धीरे-धीरे बोरिंग पर्सनैलिटी में बदल सकता है।
इन आदतों से बन सकती है बोरिंग पर्सनैलिटी:-
बोरिंग पर्सनैलिटी के लोग किसी काम में इंटरेस्ट नहीं रखते हैं। वो एक ही तरह का काम करते हैं और कोई नई चीज़ ट्राई करना भी पसंद नहीं करते। ये उनकी मेंटल ग्रोथ पर भी बुरा असर डालता है। नेगेटिव बातें सोचना और बोलना भी बोरिंग होने का ही असर है। ऐसे लोग किसी काम को खुश मन से नहीं करते और हर चीज़ के सिर्फ बुरे रिज़ल्ट पर ही ध्यान देते हैं। यहीं कारण है की ऐसे लोगों का फ्रेंड सर्कल बहुत छोटा होता है।
इन बातों से खुद की पर्सनैलिटी करें चेक:-
बोरिंग पर्सनैलिटी के लोग अच्छे से ग्रूम नहीं होते हैं। ऐसे लोग अपना टैलेंट कभी नहीं जान पाते और सोसाइटी से अलग रहकर अकेलेपन को ही लाइफ बना लेते हैं। बोरिंग पर्सनैलिटी मतलब ख़राब कॉम्युनिकेशन स्किल्स। ऐसे लोग पहले तो किसी से बात करना पसंद नहीं करते, और अगर करते भी हैं तो वो ना मजेदार होती है और ना असरदार। ज्यादा लोगों के बीच रहना, मस्ती मजाक करना इन्हें पसंद नहीं होता। हमेशा एक तरफा लाइफ जीना इनकी आदत बन जाती है और ये उस बोरिंग कंफर्ट जोन से कभी बाहर नहीं आ पाते।