बंगलुरू। एनएएल द्वारा डिजाइन और विकसित पहला स्वदेशी फ्लाइंग ट्रेनर हंसा-एनजी समुद्र स्तरीय परीक्षण में भी खरा उतरा। पुड्डुचेरी में 19 फरवरी से 5 मार्च तक चले परीक्षण में पता चला कि यह भारतीय फ्लाइंग क्लब के लिए खासा अनुकूल है।
प्रमाणन की प्रक्रिया पूरी कर इसका निर्माण जल्द ही शुरू किया जाएगा। एनएएल ने बताया कि 19 फरवरी को जहाज को 140 नॉटिकल माइल दूर स्थित पुड्डुचेरी ले जाया गया। इसने 155 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से 1.5 घंटे में यह दूरी तय की।
इस परीक्षण का लक्ष्य इसके संचालन के गुण-दोषों, चढ़ाई/समुद्री क्षेत्र में प्रदर्शन, उतरते समय दक्षता, ढांचागत प्रदर्शन, पावर प्लांट और अन्य तकनीकों का आकलन था। इसने सभी परीक्षणों में कामयाबी पाई और पुड्डुचेरी में 18 घंटे की उड़ान पूरी करने के बाद 5 मार्च को बेंगलुरु पहुंच गया।