चारधाम यात्रा: तीर्थयात्रियों के लिए ई-पास की व्यवस्था हुई खत्म
उत्तराखंड। हाईकोर्ट से चारधाम यात्रा में असीमित तीर्थयात्रियों के प्रवेश का आदेश जारी होने के बाद शासन ने चारधाम यात्रा की संशोधित मानक प्रचालन विधि (एसओपी) जारी कर दी। इसके तहत अब चारधाम यात्रा पर जाने वाले तीर्थयात्रियों को ई-पास की जरूरत नहीं होगी। बाहरी राज्यों से आने वाले तीर्थयात्रियों को केवल देहरादून स्मार्ट सिटी पोर्टल पर पंजीकरण कराना होगा। सचिव हरिश्चंद्र सेमवाल की ओर से जारी एसओपी के मुतबिक बाहरी राज्यों से आने वाले तीर्थयात्रियों को देहरादून स्मार्ट सिटी पोर्टल पर पंजीकरण कराना होगा। जबकि उत्तराखंड के निवासियों को यात्रा पर जाने के लिए स्मार्ट सिटी पोर्टल पर पंजीकरण की जरूरत नहीं है। सभी तीर्थयात्रियों को कोविड वैक्सीन की दोनों डोज लगने के 15 दिन बाद का प्रमाण पत्र दिखाने पर चारधाम यात्रा की अनुमति मिलेगी। अगर किसी यात्री ने एक डोज लगवाई है या कोई डोज नहीं लगवाई है तो उन्हें 72 घंटे के भीतर की आरटीपीसीआर कोविड निगेटिव रिपोर्ट दिखाने पर ही दर्शन की अनुमति मिलेगी। आपको बता दें कि अभी तक हाईकोर्ट के आदेश के तहत केदारनाथ धाम में प्रतिदिन 800, बदरीनाथ में 1000, गंगोत्री में 600 और यमुनोत्री में 400 तीर्थयात्रियों को प्रवेश की अनुमति थी लेकिन मंगलवार को हाईकोर्ट ने यह बंदिश हटा दी। एसओपी में यह भी साफ किया गया है कि भले ही यात्रियों की बंदिश हाईकोर्ट ने हटा दी हो लेकिन धामों की कोविड वहन क्षमता के तहत ही दर्शन की अनुमति दी जाएगी। इसमें सामाजिक दूरी छह फीट के मानदंडों का पालन अनिवार्य होगा। एसओपी में यह भी कहा गया है कि अगर चारधाम यात्रा जांच के दौरान कोई तीर्थयात्री संक्रमित मिलता है तो उसे संबंधित परीक्षण केंद्र या अस्पताल में कोविड-19 जांच के लिए भेजा जाएगा। इसके बाद लक्षणों की गंभीरता और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रोटोकॉल के तहत उस मरीज को आगे रेफर किया जाएगा।