Childrens day 2025: आज 14 नवंबर के दिन देशभर में बाल दिवस यानी Children’s Day सेलिब्रेट किया जा रहा है. यह दिन सिर्फ एक उत्सव नहीं, बल्कि हमारे समाज को यह याद दिलाने का अवसर है कि बच्चे ही देश का भविष्य हैं. उनकी मुस्कान, मासूमियत और सपने ही भारत की असली ताकत हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस दिन के पीछे इतिहास, उद्देश्य और कुछ महत्वपूर्ण तथ्य भी छिपे हैं? बाल दिवस हमें याद दिलाता है कि बच्चों को सिर्फ सुरक्षा नहीं, बल्कि सम्मान और अवसर भी मिलने चाहिए. उनकी हंसी ही देश की सबसे बड़ी पूंजी है जिसे सहेजना हम सबका कर्तव्य है.
बाल दिवस बच्चों के हंसने, खेलने और सीखने का दिन है. इस दिन स्कूलों में खास कार्यक्रम, सांस्कृतिक गतिविधियां और प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है. साथ ही इस खास मौके पर पेरेंट्स, टीचर्स और बच्चे भी आपस में एक-दूसरे को ढेरों शुभकामनाएं देते हैं.
भारत में बाल दिवस मनाने की कैसे हुई शुरुआत?
भारत में बाल दिवस मनाने की शुरुआत 1956 से हुई थी. उस समय इसे ‘बाल दिवस’ नहीं बल्कि ‘बाल कल्याण दिवस’ के नाम से मनाया जाता था. इसे मनाने का उद्देश्य बच्चों के प्रति जागरूकता फैलाना और उनके अधिकारों की रक्षा करना था. 1956 में भारत सरकार ने बच्चों के कल्याण के लिए कई योजनाएं शुरू कीं. हालांकि, प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू बच्चों से बहुत प्यार करते थे और उन्हें ‘चाचा नेहरू’ के नाम से जाना जाता था. उनकी मौत के बाद यानी 1964 के बाद संसद ने उनकी जयंती को देश में आधिकारिक बाल दिवस के रूप में मनाने का प्रस्ताव पारित किया. तब से देश में 14 नवंबर को ही बाल दिवस मनाया जाता है. इस दिन बच्चों को बहुत प्यार दिया जाता है.
14 नवंबर को ही क्यों मनाया जाता है बाल दिवस?
पंडित जवाहर लाल नेहरू को बच्चों से बहुत प्यार था. जब भी उन्हें वक्त मिलता वो बच्चों के बीच जाते और उनसे बातें करते. उनके निधन के बाद ये सब कुछ थम गया था. इसीलिए उनके जन्मदिन को बाल दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया गया. जिससे हर साल बच्चें उन्हें अपने बीच पाएं और आने वाली पीढ़ी बच्चों के लिए उनके प्यार को समझ पाए. पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्म 14 नवंबर 1889 को इलाहबाद में हुआ था.
क्यों मनाया जाता है बाल दिवस?
बाल दिवस का मुख्य उद्देश्य बच्चों के महत्व को जगजाहिर करना है. यह दिन हमें याद दिलाता है कि बच्चे देश का भविष्य हैं. साथ ही उनके अधिकारों के प्रति जागरूकता बढ़ाने का भी एक अवसर हैं जैसे बच्चों के शिक्षा का अधिकार, स्वस्थ रहने का अधिकार और सुरक्षित वातावरण में रहने का अधिकार.
बाल दिवस हमें बच्चों के प्रति समाज को उनके दायित्व की भी याद दिलाता है कि समाज को बच्चों से प्यार करना चाहिए, साथ ही उनकी सुरक्षा भी करनी चाहिए. साथ ही समाज को यह भी याद दिलाता है कि उन्हें बच्चों के विकास पर काम करना चाहिए जिससे उनका सही से विकास हो सके.
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