गाजीपुर। मुख्यमंत्री उप्र श्री योगी आदित्यनाथ के जनपद का एक दिवसीय भ्रमण कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। जनपद भ्रमण कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री योगी द्वारा स्नातकोत्तर महाविद्यालय गाजीपुर में स्थापित स्व. बाबू राजेश्वर प्रसाद सिंह की भव्य प्रतिमा का अनावरण, परिसर में ही रूद्राक्ष का पौधरोपण, विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियो को योजना से सम्बन्धित टैबलेट, टूलकिस्ट, चेक आदि का वितरण एवं जनसभा को सम्बोधित किया गया। गाजीपुर जनपद में शिक्षा की अलख जगाने वाले, गाजीपुर के मालवीय बाबू राजेश्वर प्रसाद सिंह की भव्य प्रतिमा का अनावरण करना आज मेरे लिए सौभाग्य का अवसर है और इससे मै अभिभूत हूं। शिक्षा के प्रति उनकी अद्भुत जागरूकता और चैतन्यता थी। उन्होंने इस महाविद्यालय में शिक्षा के प्रति अभिनव कार्य किया। आजादी के इस अमृत महोत्सव के समय में अपनी विरासत का इससे अच्छा सम्मान नहीं हो सकता। यह प्रतिमा हमेशा शिक्षा को प्रेरणा देगा। यह बात मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को स्नातकोत्तर महाविद्यालय में बाबू राजेश्वर सिंह की प्रतिमा का अनावरण करने के बाद खेल मैदान में आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए कही।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि गाजीपुर में बाबू राजेश्वर प्रसाद है, जो अपनी विरासत का सम्मान करते हुए यहां के अतीत के साथ अपनी जनपद को जोड़ने का कार्य किया। महर्षि विश्वामित्र की परंपरा के इस जनपद का अतीत बहुत गौरवशाली है। जब राक्षस यज्ञ में विघ्न डालने लग गए थे, तो इसें पबले ही भांप कर विश्वामित्र ने उनके समूल नाश का संकल्प लिया। भारत के इतिहास को बनाने वाला, भारत से आर्याव्रत से राक्षसों का समूल नाश करने का संकल्प लेने वाला है, यह जनपद। अगर विश्वामित्र नही होते तो क्या अयोध्या और जनकपुर एक हो पाता। सीता स्वंयवर में तो अयोध्या को निमंत्रण नहीं था, लेकिन भगवान राम और लक्ष्मण को ले जाकर महर्षि विश्वामित्र माध्यम बने थे। वह इस बात को जानते थे कि रावण के राक्षस अगर बक्सर तक पहुंच चुके है तो इसका मतलब आर्याव्रत खतरे में है। उस खतरे को सबसे पहले विश्वामित्र ने पहचान लिया और वहीं से रामराज्य के स्थापना का शंखनाद हुआ।
उन्होंने कहा कि अगर भारत को विकसित देश बनाना है तो अपनी विरासत और पूर्वजों का सम्मान करना होगा। अपने कर्तव्यों का निर्वहन ईमानदारी के साथ करना होगा। सीएम योगी ने अपने संबोधन में आगे कहा कि अपनी विरासतों का सम्मान करना ही सनातन धर्म है। अगर किसी ने हमारे लिए कुछ किया है तो उसके प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करना हमारा भी धर्म है। आज भी हम अपनी विरासतों को विस्मृत नहीं कर रहे है। प्रधानमंत्री मोदी ने जब यहां मेडिकल कालेज दिया तो हमने उसका नामकरण महर्षि विश्वामित्र राजकीय मेडिकल कालेज रखा। इसी प्रकार आजमगढ़ के विश्वविद्यालय का नाम महाराज सुहेलदेव के नाम पर किया। एक हजार साल पहले सुहेलदेव ने विदेशी आक्रांतो से देश को मुक्त कराने का जो काम किया था, वह अविस्मरणीय है। देश की आजादी के अमृत महोत्सव के पंच प्रणों में से एक प्रण विरासतों को बचाना भी है। हालांकि बीच में यहां की पहचान को धूमिल करने का प्रयास हुआ, पहचान का भी संकट खड़ा हो गया। उस समय भी बाबू राजेश्वर जैसे लोग खड़े रहे और शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंक्षी मोदी ने देश के लिए कुछ लक्ष्य तय किए है। कारोना काल में जहां जीवन और जीविका बचाने का काम हुआ, वहीं पीएम मोदी ने नौजवानों के लिए नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति भी लागू किया। इस नीति का अभिनव प्रयोग इस महाविद्यालय में हो सकता है। जहां केवल किताबी ज्ञान ही नहीं, बल्कि व्यवहारिक और तकनीकि ज्ञान से सक्षम युवा देश और दुनिया में पहुंचाने है। इस नई नीति को पूरे देश में लागू करने का काम होना चाहिए।
उन्होंने आगे कहा कि भारत सबसे युवा राष्ट्र है तथा उत्तर प्रदेश सबसे युवा प्रदेश है जहां 56 फीसदी आबादी कामकाजी वर्ग की है। यह युवा अपनी क्षमता और उर्जा से पूरे देश को आलोकित करने की क्षमता रखता है। प्रतियोगिताओं की तैयारी के लिए फिजीकली और वर्चुअली सुविधा उन्हें उनके जिले या कमिश्नरी में मिल सके इसका प्रयास जारी है। अभ्युदय कोचिंग जैसी सरकारी योजना इसमें निर्णायक भूमिका निभा रही है। हमने प्रदेश में 15 लाख युवाओं को टेबलेट और स्मार्ट फोन उपलब्ध कराए है और अगले पांच साल में दो करोड़ युवाओं को यह सामग्री देकर तकनीकी रूप से सक्षम बनाएंगे। पांच साल में पांच लाख नौजवानों को सरकारी नौकरी दी गई। एक करोड़ 61 लाख युवाओं को विभिन्न योजनाओं के माध्यम से रोजगार दिलाया और ऐसे ही साठ लाख को व्यवसाय और उद्यम से जोड़ा। अगले पांच साल में हर परिवार में एक सदस्य को रोजगार से जोड़े जाने का बड़ा काम चल रहा है और इस पर काम हो रहा है। कहा कि आज व्यवहारिक शिक्षा पर भी जोर दिया जाना चाहिए। कार्यक्रम के दौरान सांसद बलिया श्री विरेन्द्र सिंह ‘मस्त‘ एवं विधान परिषद सदस्य विशाल सिंह ‘चंचल‘ एंव अपर महाधिवक्ता अजीत प्रताप सिंह ने भी जनसभा को सम्बोधित किया। सांसद जी ने कहा कि विगत दिनों विकास खण्ड रेवतीपुर के अठहठा गॉव बाढ के दौरान हुई दुखद नाव दुर्घटना आहत हूॅ। आगे से इस तरह की घटना पुनरावृत्ति न हो और लोगो को आवागमन की सुविधा हेतु उस स्थल पर शीघ्र ही पुल के निर्माण हेतु आवश्यक कार्यवाही करने की बात कही।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी द्वारा स्वामी विवेकानन्द युवा शक्तिकरण योजना के अन्तर्गत युवाओ को टैबलेट, उज्ज्वला योजना के अर्न्तगत चिहिन्त लाभार्थियेां को चुल्हा,पाईप, गैस सिलेण्डर, एक जनपद एक उत्पाद योजना, मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना, प्रधानमंत्री रोजगार श्रृजन कार्यक्रम के अन्तर्गत विभिन्न लाभार्थियों को डेमो चेक का वितरण, विश्वकर्मा श्रम सम्मान के लाभार्थियों का टूल किट वितरण, श्रम विभाग की मृत्यु, विकलांगता सहायता एवं अक्षमता पेंशन योजनान्तर्गत चिहिन्त लाभार्थी को एम आई एस बॉण्ड, राष्ट्रीय आजीविका मिशन के साथ ही दिव्यांगजन एवं शक्तिकरण विभाग के लाभार्थियों को ट्राईसाईकिल, कान की मशीन, स्मार्ट केन, व्हीलचेयर, आदि का वितरण किया गया। इसके पूर्व पीजी कालेज के प्रबंधक तथा उत्तर प्रदेश शासन के अपर महाधिवक्ता अजीत कुमार सिंह ने मुख्यमंत्री का माल्यार्पण कर स्वागत किया तथा अपने संक्षिप्त उद्बोधन में महाविद्यालय के विकास की चर्चा की। इस मौके पर सांसद वीरेन्द्र सिंह मस्त, एमएलसी विशाल सिंह चंचल, जिला पंचायत अध्यक्ष सपना सिंह, नगरपालिका अध्यक्ष सरिता अग्रवाल, प्रभुनाथ चौहान, अलका राय, संगीता बलवंत, सुनीता सिंह, सुभाष पासी, एसपी सिंह, भानुप्रताप सिंह सहित बड़ी संख्या में गणमान्य लोग मौजूद रहे।