नई दिल्ली। देश के सबसे बड़े केंद्रीय अर्धसैनिक बल सीआरपीएफ में शहीद होने वाले जवानों के आश्रितों को एक करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है। अगर किन्हीं कारणों से यह राशि एक करोड़ रुपये से कम रह जाती है, तो उस राशि का भुगतान ‘भारत के वीर’ फंड से किया जाएगा। सामान्य तौर पर इस कोष के तहत केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के शहीद जवानों के उत्तराधिकारियों को 15 लाख रुपये का भुगतान किया जाता है। देखने में आया है कि बहुत से जवानों को बल की कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी ही नहीं होती, जिसके चलते वे उन सुविधाओं का लाभ नहीं उठा पाते। बल के शहीदों के परिवारों को सीआरपीएफ, केंद्र सरकार, राज्य सरकार और अन्य स्रोत, आदि के जरिए आर्थिक मदद प्रदान की जाती है। बल मुख्यालय ने कहा है कि हर जवान को इन योजनाओं के बारे में अवगत कराया जाए। बढ़ाई गई अनुग्रह राशि:- बल मुख्यालय द्वारा जारी पत्र में कहा गया है कि वीरगति होने पर जवान के आश्रितों को ‘जोखिम निधि’ से 30 लाख रुपये प्रदान किए जाते हैं। यदि उत्तराधिकारी के बच्चे हैं तो पत्नी को 60 फीसदी, बच्चों को 15 फीसदी व माता पिता को 25 फीसदी राशि प्रदान की जाती है। उत्तराधिकारी के बच्चे नहीं हैं, तो पत्नी को 50 फीसदी और माता पिता को 50 फीसदी राशि दी जाएगी। अन्य किसी भी प्रकार से मृत्यु होने पर देय राशि 20 लाख रुपये तय की गई है। पिछले दिनों सीआरपीएफ ने कहा है कि कार्रवाई के दौरान या अन्य कारणों से ड्यूटी पर जान गंवाने वाले कर्मियों के परिवारों को दी जाने वाली अनुग्रह राशि बढ़ा दी गई है। लड़ाई के दौरान जान गंवाने वाले कर्मियों के परिवारों को 35 लाख रुपये की अनुग्रह राशि दी जाएगी। पहले यह राशि 21.5 लाख रुपये थी। सेवा में रहने के दौरान दुर्घटना, खुदकुशी या बीमारी की वजह से जिन कर्मियों की मौत होती है, उनके आश्रितों को अब 25 लाख रुपये दिए जाएंगे। पहले जवान के परिजनों को इस राशि के तौर पर 16.5 लाख रुपये मिलते थे। मिलेगा बोनस का लाभ:- जोखिम निधि से सेवानिवृत्त, डिस्चार्ज, त्यागपत्र एवं अधिवर्षिता सेवानिवृत्ति के दौरान भी राशि प्रदान की जाती है। जैसे सेवा की अवधि 20 वर्ष से कम है, तो सेविंग कंपोनेंट की कुल राशि तथा उस पर 10 फीसदी बोनस का लाभ मिलेगा। अगर सेवा की अवधि 20 वर्ष से ज्यादा, लेकिन 30 वर्ष से कम है, तो सेविंग कंपोनेंट की कुल राशि तथा उस पर 25 फीसदी बोनस का लाभ मिलेगा। 30 वर्ष से अधिक सेवा की अवधि के मामले में सेविंग कंपोनेंट की कुल राशि तथा उस पर 75 फीसदी बोनस का लाभ प्रदान किया जाएगा। यदि कोई जवान 25 फीसदी अशक्त हुआ है तो उसे पांच लाख रुपये, 25 फीसदी से 50 फीसदी तक दस लाख रुपये, 50 से 75 फीसदी तक 15 लाख रुपये और 75 फीसदी से 100 फीसदी तक अशक्तता वाले जवानों को 20 लाख रुपये दिए जाते हैं। कृत्रिम अंग लगाने के लिए आईजी मेडिकल की सिफारिश के अनुसार जोखिम निधि से वित्तीय सहायता मिलेगी। स्थायी विकलांगता पर एक लाख रुपये का अनुदान:- किसी भी तरह से मृत्यु होने पर देय राशि 50 हजार रुपये है। इसमें तत्काल राहत के रूप में महानिदेशालय से 30 हजार और बटालियन से 20 हजार रुपये दिए जाते हैं। केंद्रीय कल्याण निधि से पांच लाख रुपये मिलते हैं। शहीद/मृतक कर्मियों की बहन व बच्चों की शादी के लिए वित्तीय सहायता एक लाख रुपये दी जाएगी। पहले यह राशि 50 हजार रूपये थी। सेवानिवृत्त कार्मिक एवं उनके उत्तराधिकारी ‘पत्नी’ को जीवन में एक बार दुर्लभतम से दुर्लभ बीमारियों का इलाज कराने के लिए 50 हजार रुपये से एक लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता दी जाती है। ड्यूटी के दौरान घायल जवान को चार हजार रुपये और गंभीर रूप से घायल जवान को 25 हजार रुपये मिलते हैं। गोली या छर्रे लगने की स्थिति में जवान को दो सप्ताह से अधिक समय तक अस्पताल में भर्ती रहना पड़े तो 50 हजार रुपये दिए जाते हैं। स्थायी विकलांगता की स्थिति में एक लाख रुपये मिलते हैं। शिक्षण सहायता के लिए:- शिक्षण सहायता के लिए कक्षा दो से लेकर स्नातक तक छह सौ रुपये से लेकर 3000 रुपये मिलते हैं। तकनीकी शिक्षा पाठ्यक्रम के लिए जवानों और राजपत्रित अधिकारियों को 18 हजार रुपये से 36 हजार रुपये तक व व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के लिए 7500 रुपये से 11500 रुपये तक मिलते हैं। 10वीं व 12वीं कक्षा में अंकों के आधार पर पांच हजार रुपये से 15 हजार रुपये तक स्पेशल कैश प्राइज मिलता है। कमलेश कुमारी छात्रवृत्ति के तहत 15 हजार रुपये मिलते हैं। कार्यरत एवं शहीद कर्मियों के बच्चों को महानिदेशक ट्राफी के तहत 15 हजार रुपये से 25 हजार रुपये मिलते हैं। भारत के वीर’ फंड से शहीद जवान के मां बाप को 10 लाख रुपये दिए जाते हैं। केंद्र सरकार की तरफ से जवान की मौत पर 35 लाख रुपये की अनुग्रह राशि प्रदान की जाती है। राज्य सरकार भी अनुग्रह राशि व अन्य सहायता प्रदान करती है। पैरामिलिट्री सेलरी पैकेज के तहत एसबीआई द्वारा शहीद जवानों को 30 लाख रुपये दिए जाते हैं। वीर नारी आवास, शिशु शिक्षण भत्ता, पुलिस स्मृति फंड छात्रवृत्ति, विद्या रक्षक छात्रवृत्ति व प्रधानमंत्री छात्रवृत्ति जैसी कई दूसरी कल्याणकारी योजनाएं भी शुरू की गई हैं।