नई दिल्ली। सालों से एक जैसी व्यवस्थाओं में चल रहा दिल्ली एम्स अब बदलाव की राह पर बढ़ने लगा है। नई दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) देश का पहला ऐसा अस्पताल बन चुका है, जहां सर्जरी के लिए पूरी इमारत ही अलग से होगी। 200 बिस्तरों वाला यह सर्जरी ब्लॉक पूरी तरह से बनकर तैयार है। शनिवार से यहां ऑफिस शिफ्ट होने का आदेश भी जारी हो चुका है। इसी के साथ ही अब ऑपरेशन के लिए पांच या फिर छह साल आगे की डेट मरीजों को नहीं मिल पाएगी। इस ब्लॉक में 12 से भी अधिक ऑपरेशन थियेटर हैं जो मॉड्यूलर तकनीकी पर बनाए गए हैं। जानकारी मिली है कि कुछ ही दिन में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया सर्जरी ब्लॉक का उद्घाटन कर सकते हैं। इस दौरान एम्स प्रबंधन ने हवन-पूजन का कार्यक्रम भी रखने का विचार किया है। इस साल यह तीसरी इमारत है, जिसे मरीजों के लिए शुरू किया जा रहा है। इससे पहले जनवरी माह में बर्न व प्लास्टिक सर्जरी ब्लॉक का उद्घाटन हुआ था। जबकि उससे कुछ दिन पहले मरीजों को नई ओपीडी में प्रवेश दिया गया। एम्स के डॉक्टरों का कहना है कि जब से स्वास्थ्य मंत्री का दौरा हुआ है तब से एम्स प्रबंधन की कार्यशैली को उड़ान भरने के लिए मानों पंख लग गए हों। सालों से लंबित पड़े विकास कार्यों को अंतिम रुप दिया जा रहा है। वहीं चिकित्सीय अव्यवस्थाओं को सुधारने के लिए भी आएदिन फैसले लिए जा रहे हैं। डॉक्टरों ने बताया कि प्रबंधन की ओर से सर्जरी ब्लॉक में ऑफिस शिफ्ट होने के निर्देश मिले हैं। शनिवार से यह काम शुरू कर दिया जाएगा।