नई दिल्ली। इस वर्ष के अंत तक दिसंबर से यमुना में गंदा पानी गिरना बंद हो जाएगा। गंदा पानी बहाने वाले सभी नालों को बंद कर इस पानी को अवजल शोधन संयंत्र की ओर मोड़ा जाएगा। यह जानकारी एनएमसीजी के एक अधिकारी ने दी।
यमुना 1,300 किलोमीटर से ज्यादा लंबी है और देश की सर्वाधिक प्रदूषित नदियों में से एक है। इससे राष्ट्रीय राजधानी के आधे से ज्यादा हिस्से में पानी पहुंचता है। एनएमसीजी के महानिदेशक जी. अशोक कुमार ने कहा कि 18 नालों से गंदा पानी यमुना में गिराया जा रहा है।
अब इन नालों को बंद कर गंदा पानी अवजल शोधन संयंत्र की ओर मोड़ने की योजना है। उन्होंने कहा कि अवजल शोधन संयंत्र तैयार हैं, हम नदी में गिराए जा रहे इस गंदे पानी को इन संयंत्रों की ओर मोड़ सकते हैं।
इसके बाद एसटीपी से प्राप्त शोधित जल को नदी में गिराया जा सकता है, ताकि नदी का प्रवाह सुधरे। इसलिए दिसंबर माह से यमुना नदी में गंदा पानी नहीं आ पाएगा और नदी के प्रवाह में भी सुधार होगा।