नई दिल्ली। संकटग्रस्त यस बैंक ने पिछले साल एसबीआई की अगुवाई में निवेशकों के समूह की ओर से उसका प्रबंधन संभालने के बाद उल्लेखनीय प्रगति दिखाई है। एसबीआई के पूर्व चेयरमैन रजनीश कुमार ने कहा कि यस बैंक में दो साल बाद मजबूती दिखने लगेगी। अपनी किताब द कस्टोडियन ऑफ ट्रस्ट में एसबीआई के पूर्व चेयरमैन रजनीश कुमार ने कहा कि यस बैंक जिस स्थिति (बुरे दौर) में था, उसे स्थिर करने के लिए कम-से-कम तीन साल का समय देना होगा। उसने अच्छी प्रगति की है, क्योंकि पहले उसकी स्थिति बहुत बुरी थी। उन्होंने कहा कि एसबीआई यस बैंक का कर्जदाता बनना नहीं चाहता था, लेकिन परिस्थितियों ने उसे मजबूर कर दिया कि वह देश के चौथे सबसे बड़े निजी बैंक को बचा ले। शुरुआत में मुझे भरोसा था कि छह बैंकों के विलय के बाद एसबीआई को किसी दूसरे बड़े बैंक को बचाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। पूर्व चेयरमैन ने कहा कि उन पर दबाव था कि वे 13 मार्च, 2020 तक दूसरे निवेशकों को खोजें। आरबीआई ने उनसे यस बैंक की वित्तीय व्यवस्था पर किसी बुरे प्रभाव को रोकने को कहा था और 5 मार्च, 2020 को उस पर मोरेटोरियम लगा दिया था।