भगवान गणेश ही स्वास्तिक रूप में विद्यमान है: दिव्य मोरारी बापू

पुष्कर/राजस्थान। परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, ओंकार (प्रणव) भी गणेश हैं। ओंकार की आकृति बिल्कुल गणेश जैसी है। ओंकार ही गणेश हैं। गणेश ही ओंकार हैं। जो स्वास्तिक बनाते हैं। गणेश भगवान का जो भारी शरीर है, बीच का हिस्सा है। चार हाथ हैं वो चार लाइनें हो गई, चारों में जो शस्त्र हैं वो चार उनमें जो टेढ़ापन आ गया, गणेश भगवान ही स्वास्तिक रूप में विद्यमान है। श्री गणेश जी को चाहे ओंकार के रूप में मान लो, चाहे स्वास्तिक के रूप में मान लो, चाहे आकृति के रूप में मान लो, गणेश जी आपकी रक्षा करते रहेंगे। सभी हरि भक्तों के लिए पुष्कर आश्रम एवं गोवर्धन धाम आश्रम से साधू संतों की शुभ मंगल कामना। श्री दिव्य घनश्याम धाम, श्री गोवर्धन धाम कालोनी, दानघाटी, बड़ी परिक्रमा मार्ग, गोवर्धन, जिला-मथुरा, (उत्तर-प्रदेश) श्री दिव्य मोरारी बापू धाम सेवाट्रस्ट गनाहेड़ा पुष्कर जिला-अजमेर (राजस्थान)

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