धर्म। सोमवार के दिन पड़ने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या कहा जाता हैं। सोमवती अमावस्या वर्ष में एक या दो बार ही आती है। यह व्रत सुहागिन स्त्रियां रखती हैं। सोमवती अमावस्या का व्रत विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए रखती हैं। सोमवती अमावस्या व्रत को शास्त्रों में ‘अश्वत्थ प्रदक्षिणा व्रत’ भी कहा गया है। ‘अश्वत्थ’ यानी पीपल का पेड़। पीपल के पेड़ पर भगवान विष्णु का वास होता है। इसलिए सोमवती अमावस्या के दिन भगवान विष्णु की भी पूजा की जाती है। माना जाता है कि इस दिन पवित्र नदी में स्नान करने से व्यक्ति को पापों से मुक्ति मिलती है और दान करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। तो आइए जानते हैं सोमवती अमवास्या के दिन किन चीजों के दान से पितरों को प्रसन्न कर उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है। तो आइए जानते है।
- चांदी का संबंध चंद्रमा से होता है, हिंदु मान्यता के मुताबिक चांदी से निर्मित वस्तुओं का दान करने से पितृ प्रसन्न होते हैं।
- पितरों को प्रसन्न करने के लिए काले तिल का दान भी किया जाता है। सोमवती अमावस्या के दिन दान के समय हाथ में तिल लेकर दान करना चाहिए।
- गरुड़ पुराण के मुताबिक सोमवती अमावस्या पर धोती, गमछा सहित अन्य वस्त्रों का दान करने से पितृ प्रसन्न होते हैं।
- ज्योतिष मान्यता के अनुसार पितरों को खुश करने के लिए चंद्रमा से जुड़ी चीजें विशेष रूप से सफेद रंग की चीजें जैसे दूध-चावल आदि का दान करना लाभकारी होता है।
- ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक पितरों को प्रसन्न करने के लिए भूदान भी शुभ माना जाता है। यदि आप भूदान कर सकते हैं तो तो अमावस्या तिथि में भूमि का दान करना चाहिए।
ॐ नम: शिवाय
सोमवती अमावस्या पर शिव के पंचाक्षरी मंत्र का जाप करने से भोलेनाथ जल्द प्रसन्न होते हैं। इस मंत्र में सृष्टि के पंचतत्वों को कंट्रोल करने की शक्ति है।
ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्
सोमवती अमावस्या के दिन गायत्री मंत्र का जाप करने से मानसिक और शारीरिक ताकत तो प्राप्त होती है साथ ही आर्थिक हानि से भी मुक्ति मिलेगी।