नई दिल्ली। लद्दाख के लेह सहित देशभर के चार स्थानों पर डॉपलर मौसम रडार शुक्रवार को राष्ट्र को समर्पित किए गए। केंद्रीय विज्ञान व प्रौद्योगिकी तथा पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री डा. जितेंद्र सिंह ने लेह, दिल्ली, मुंबई व चेन्नई में स्थापित इन रडार का उद्घाटन करते हुए कहा कि भारत ने दक्षिण एशिया, दक्षिण-पूर्व एशिया और मध्य पूर्व के देशों में मौसम और जलवायु सेवाएं प्रदान करने के लिए एशियाई महाद्वीप में अग्रणी भूमिका निभाई है। भारत मौसम विज्ञान विभाग के 147वें स्थापना दिवस के अवसर पर उन्होंने कहा कि 2016 से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में कई देशों को उपलब्ध कराई जा रही मौसम की गंभीर चेतावनी की जानकारी ने एक लंबा सफर तय किया है। गंभीर जलवायु आपदाओं से लड़ने में नेपाल और बांग्लादेश जैसे देशों के लिए इसके प्रयोग को आसान बनाया है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के सार्क उपग्रह का उल्लेख करते हुए कहा कि आने वाले दिनों में भारत मौसम विज्ञान विभाग वैश्विक जरूरतों को पूरा करने के लिए अपनी मौसम और जलवायु सेवाओं में आधुनिक तरीके से बदलाव करेगा। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय हाई रेजोल्यूशन मॉडल अपनाने के अलावा स्थानीय पूर्वानुमान तंत्र को सुदृढ़ करने के लिए बड़े पैमाने पर ड्रोन आधारित ऑब्जर्वेशन टेक्नोलॉजी की तैनाती और उसका उपयोग करेगा। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि पूर्वानुमान और सूचना में इस्तेमाल की जाने वाली भाषा को समझने में आसान बनाया जाए और प्रत्येक नागरिक द्वारा आसानी से उपयोग किया जाएगा।