हेेेेेल्थ। आधुनिकता की इस दुनिया में हम तकनीक पर पूरी तरह से आश्रित होते जा रहे हैं। मोबाइल फोन और कंप्यूटर हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा बन गए हैं। मोबाइल फोन ने जहां हमारे जीवन को काफी आसान बना दिया है। बैंक के काम से लेकर लोगों से सोशली जुड़े रहने तक, मोबाइल फोन हर स्तर पर हमारे लिए काफी आवश्यक हो गया है।
वहीं स्वास्थ्य विशेषज्ञ कई मामलों में सेहत के लिए मोबाइल फोन के अधिक इस्तेमाल को काफी नुकसानदायक और चुनौतीपूर्ण मानते हैं। विशेषकर बच्चों में मोबाइल के बढ़ते उपयोग और स्क्रीन टाइम को विशेषज्ञ काफी नुकसानदायक मानते हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि मोबाइल का अधिक इस्तेमाल, हमारे दैनिक स्क्रीन टाइम को बढ़ा देता है। स्क्रीन टाइम का बढ़ना हमारे मानसिक और शारीरिक दोनों ही तरह की सेहत को गंभीर नुकसान पहुंचा रहा है। सेल फोन या स्मार्टफोन के अत्याधिक उपयोग के परिणामस्वरूप कई अलग-अलग शारीरिक समस्याएं हो सकती हैं, कुछ स्थितियों में यह स्थायी क्षति का कारण भी बन सकती हैं। आइए जानते हैं कि मोबाइल का अधिक इस्तेमाल किस तरह से हमारी सेहत को हानि पहुंचाता है-
व्यवहार संबंधी विकारों की बढ़ती समस्या:-
विशेषज्ञों का मानना है कि, सेल फोन के अधिक इस्तेमाल की आदत, दिमाग और व्यवहार पर उसी तरह से नकारात्मक असर डालती है, जैसे जुआ खेलने का होता है। जो लोग अधिक समय तक मोबाइल का इस्तेमाल करते रहते हैं, उनमें व्यवहार पर नियंत्रण करने में कठिनाइयों का अनुभव काफी सामान्य हो गया है।
यह नकारात्मक सोच को भी बढ़ावा देने वाला कारक है। फोन के अधिक इस्तेमाल की आदत चिड़चिड़ापन और चिंता विकार को भी बढ़ा सकता है, जिसको लेकर विशेष सावधान रहने की आवश्यकता है।
मोटापे और मधुमेह की समस्या:-
फ़ोन पर अधिक समय बिताने से आप में मोटापे का जोखिम बढ़ जाता है। फोन के स्क्रीन से निकलने वाली नीली रोशनी आपकी नींद को प्रभावित कर देती है, जिसके कारण वजन बढ़ना स्वाभाविक है। स्पेन स्थित ग्रेनाडा विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने शोध में पाया है कि, अधिक फोन के इस्तेमाल की आदत आपके स्लीप साइकल को प्रभावित कर देती है, जिससे कई प्रकार के हार्मोन्स का उत्पादन और उनका सामान्य कार्य प्रभावित हो सकता है।
आंखों की समस्या:-
फोन के अधिक इस्तेमाल की आदत का सबसे ज्यादा असर आपकी आंखों पर पड़ता है। यह आदत आपमें अस्थायी रूप से अंधेपन का भी कारण बन सकती है। फोन से निकलने वाली नीली रोशनी सीधे आंखों पर असर डालती है जिसके कारण ड्राई आइज या आंखों में जलन-चुभन की समस्या बढ़ सकती है। विशेषकर बच्चों में चश्मा लगने के लिए इसे एक प्रमुख कारण के तौर पर देखा जाता है।
नींद संबंधी विकार:-
बढ़ा हुआ स्क्रीन टाइम आपकी नींद को भी प्रभावित कर देता है, जिसके कारण आज के समय में अनिद्रा की समस्या काफी तेजी से बढ़ती जा रही है। नींद संबंधी विकार या नींद पूरी न होना आपके शारीरिक और मानसिक दोनों तरह की सेहत पर नकारात्मक असर हो सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि स्वस्थ शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए शाम को 5 बजे के बाद किसी भी तरह के स्क्रीन के संपर्क में आने से बचना चाहिए।