विद्युतकर्मियों की हड़ताल समाप्त, ऊर्जा मंत्री ने दिया धन्यवाद

लखनऊ। दो दिनों से बिजली का भयंकर संकट झेल रहे यूपी के लोगों के लिए अच्छी खबर है। ऊर्जा मंत्री एके शर्मा से वार्ता के बाद हड़ताल पर चल रहे बिजली कर्मियों ने हड़ताल वापस ले ली है। हड़ताल वापसी के लिए कर्मचारी नेताओं को धन्यवाद बोलते हुए ऊर्जा मंत्री कर्मचारी नेताओं को भरोसा दिलाया है कि किसी को भी नौकरी से नहीं निकाला जाएगा। इसके साथ ही जो मुकदमें हड़ताल के दौरान दर्ज कराए गए हैं, उनको भी वापस लिया जाएगा। ऊर्जा मंत्री ने संघर्ष समिति के पदाधिकारियों से कहा कि प्रदेश में जहां कहीं भी विद्युत आपूर्ति बाधित हो, उसे शीघ्र संचालित किया जाए और जो भी कार्यस्‍थल पर न हो, वह कार्यस्‍थल पर जाकर अपनी ड्यूटी करें।

मालूम हो कि विभिन्न मांगों को लेकर 16 मार्च की रात दस बजे से बिजली कर्मियों के हड़ताल पर जाने से बिजली के लिए पूरे प्रदेश में हाहाकार मच गया था। गर्मी की वजह से आम और खास सभी परेशान थे। हर किसी जुबान पर बस यही बात थी कि कब कर्मचारियों की हड़ताल खत्म होगी और उन्हें राहत मिलेगी। इसके खिलाफ उपभोक्ताओं ने सड़क पर भी उतरना शुरू कर दिया था। बिजली कर्मी अपनी मांगों को लेकर हड़ताल को वापस करने से मना कर रहे थे, जबकि कल दिन भर ऊर्जा मंत्री इस सम्बंध में हड़तालियों को मनाते रहे। इसके बाद रविवार को भी ऊर्जा मंत्री एके शर्मा और कर्मचारी नेताओं के बीच वार्ता हुई।

इस वार्ता में मंत्री एके शर्मा ने संघर्ष समिति को आश्वासन दिया कि हड़ताल के दौरान कर्मचारियों के खिलाफ की गई संपूर्ण कार्रवाई को वापस लिया जाएगा। इसके लिए उन्होंने यूपीपीसीएल के चेयरमैन को निर्देशित भी किया कि अब तक कर्मचारियों के खिलाफ की गई कार्रवाई में चाहे एफआईआर हो, निलंबन हो या अन्य किसी प्रकार की कार्रवाई की गई हो, इसे शीघ्र ही वापस लिया जाएगा। संघर्ष के अन्य मुद्दों पर विचार करने के लिए आने वाले समय में वार्ता के माध्यम से हल किया जाएगा। इस आश्वासन पर निर्धारित समय 72 घंटे से पूर्व कर्मियों ने हड़ताल वापस ले लिया।

बता दें कि 16 मार्च की रात से कर्मचारी हड़ताल पर थे। इस दौरान पूरे प्रदेश के पावर कॉरपोरेशन के 16 अधिशासी अभियंता, अवर अभियंता और एसडीओ को निलम्बित कर दिया गया था। इसके साथ ही तीन हजार से अधिक संविदा कर्मी बर्खास्त किए गए थे। 22 कर्मचारी नेता सहित 29 के खिलाफ आवश्यक सेवा अनुरक्षण कानून (एस्मा) के तहत कार्रवाई की गई थी। सात मैनपावर एजेंसी के प्रबंधकों के खिलाफ केस दर्ज हुआ था।

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