नई दिल्ली। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की ओर से देश विरोधी गतिविधियों और आतंकी संघटनों को धन उपलब्ध कराने में संलिप्त पापुलर फ्रण्ट आफ इण्डिया (पीएफआई) के ठिकानों पर छापेमारी की गई जो बहुत उचित और सराहनीय काम है। गत गुरुवार को एनआईए ने बिहार में पीएफआई के ठिकानों पर छापे मारने के साथ ही तमिलनाडु और कर्नाटक में भी संदिग्ध ठिकानों पर छापे मारे।
बिहार में पटना के फुलवारी शरीफ के अतिरिक्त नालन्दा, छपरा, वैशाली, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, मधुबनी, कटिहार और अररिया में 15 ठिकानों पर छापे मारने की काररवाई की गई। इसी प्रकार तमिलनाडु के शिवगंगा, कर्नाटक के दक्षिणी कन्नड़ जिले में भी छापे मारे गए। इन ठिकानों से लैपटाप, मोबाइल, मेमोरी और सिमकार्ड सहित महत्वपूर्ण कागजात बरामद किए गए हैं।
वस्तुत: पीएफआई मिशन- 2047 को ध्यान में रखते हुए अपनी गतिविधियां पूरे देश के संवेदनशील क्षेत्रों में चला रही है। यह संघटन अपने सदस्यों को हथियार चलाने का भी प्रशिक्षण दे रहा है जिससे कि मिशन 2047 के ऐजेण्डे को पूरा करने में सहायता मिल सके। इसलिए पीएफआई के मंसूबों को धराशायी करने के लिए राष्ट्रव्यापी स्तर पर निरन्तर छापेमारी के साथ ही अन्य आवश्यक काररवाई भी करने की आवश्यकता है।
इसमें तेजी लाने के साथ ही संदिग्ध लोगों की गिरफ्तारी भी होनी चाहिए। पीएफआई के अतिरिक्त कुछ अन्य नए नामों से भी संघटन बनाने का कार्य चल रहा है। गुप्तचर तंत्र को इस पर पैनी नजर रखने की जरूरत है। इसके साथ क्षेत्रीय जनता को भी सतर्कता बरतने की आवश्यकता है। कहीं पर भी संदिग्ध व्यक्ति दिखे तो उस पर नजर रखने के साथ पुलिस को तत्काल सूचना दी जानी चाहिए। पीएफआई देश के लिए घातक संघटन है जिसको समूल ध्वस्त करने की जरूरत है। इस काम में पूरे देश को साथ देने की जरूरत है।