वाराणसी। आज काशी विश्वनाथ धाम की पहली वर्षगांठ है। विश्वनाथ धाम ने इस साल में कई कीर्तिमान रचे हैं। बीते एक साल में 7.35 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं काशी विश्वनाथ धाम पहुंचे हैं। इसके साथ ही बाबा के दरबार में नगदी, सोना, चांदी आदि मिलाकर 100 करोड़ रुपए से अधिक का चढ़ावा चढ़ाया है। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील कुमार वर्मा ने बताया कि धाम के लोकार्पण से अब तक श्रद्धालुओं ने लगभग 50 करोड़ से अधिक की नगदी दान की है। इसमें से 40% धनराशि ऑनलाइन प्राप्त हुई है। चढ़ावे में श्रद्धालुओं द्वारा लगभग 50 करोड़ रुपए से अधिक की बहुमूल्य धातु जिसमें 60 किलो सोना, 10 किलो चांदी और 1500 किलो तांबा भी शामिल हैं।
श्रद्धालुओं द्वारा दिए गए सोना और तांबे का प्रयोग करके गर्भगृह की बाहरी और अंदर की दीवारों को स्वर्ण मंडित किया गया है। इस तरह श्रद्धालुओं द्वारा 100 करोड़ रुपए से अधिक का अर्पण किया गया है, जो मंदिर के इतिहास में सर्वाधिक है। साथ ही पिछले साल की तुलना में ये राशि लगभग 500% से भी अधिक है।
4 से 5 साल में निकल जाएगा निर्माण का खर्च :-
मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने बताया कि श्री काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के निर्माण और मुआवजे में तकरीबन 900 करोड़ रुपए खर्च हुए थे। आने वाले समय में धाम में सुविधाओं के विस्तार से भक्तों की संख्या बढ़ना निश्चित है, जिससे शिवभक्तों की ओर से चढ़वा भी बढ़ेगा। उन्होंने बताया कि चढ़ावे के अलावा कॉरिडोर में बने भवनों से भी अतिरिक्त आय होगी। माना जा रहा है कि कॉरिडोर की लागत अगले 4 से 5 वर्षो में भक्तों के चढ़ावे और परिसर में नवनिर्मित भवनों से होने वाली आय से पूरी कर ली जाएगी।
लोकार्पण के बाद बढ़ी श्रद्धालुओं की सुविधा :-
मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील कुमार वर्मा ने बताया कि लोकार्पण के बाद मंदिर न्यास द्वारा श्रद्धालुओं की सुविधाओं में लगातार बेहतरी का प्रयास किया गया है। पेयजल व्यवस्था, छाया की व्यवस्था, मैट एवं अन्य मूलभूत सुविधाओं के साथ-साथ साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिया गया है। सुगम दर्शन व्यवस्था में 50 कर्मचारी कार्यरत हैं, जबकि साफ सफाई व्यवस्था में 200 कर्मियों एवं दर्शनार्थियों को बेहतर सुरक्षा एवं सुविधा देने के लिए 100 कर्मियों को लगाया गया है। इसके अलावा लॉकर, हेल्प डेस्क स्थापित किये गये हैं। मंदिर में दर्शनार्थ आने वाले वृद्ध एवं दिव्यांगजनों की सुविधा के लिए व्हील चेयर की व्यवस्था की गयी है।
मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने बताया कि श्री काशी विश्वनाथ धाम का नव्य भव्य स्वरूप होने के कारण वाराणसी में पर्यटकों और दर्शनार्थियों की संख्या बढ़ी है। इसकी वजह से परिवहन, होटल, गेस्ट हाउस, नाविकों, श्रमिकों, वस्त्र उद्योग, हैंडीक्राफ्ट व अन्य व्यवसाय से अर्थव्यवस्था भी रफ्तार पकड़ रही है। दो दिन पहले ही सीएम योगी आदित्यनाथ ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा था कि पहले एक साल में काशी में 1 करोड़ पर्यटक आते थे, लेकिन अब एक महीने में ही इतने पर्यटक बनारस आ रहे हैं।