आजाद भारत के पहले मतदाता का राजकीय सम्मान से होगा अंतिम संस्कार

हिमाचल प्रदेश। देश के मार्गदर्शक एवं युवाओं को मतदान के प्रति जागरूक करने वाले देश के प्रथम मतदाता श्याम सरण नेगी का आज सुबह निधन हो गया। उन्होंने इस दुनिया को छोड़ने से पहले ही अपनी अंतिम इच्छा मतदान करके पूरी की। उन्हें एहसास हो गया था कि अब इस दुनिया को छोड़कर जाना है तभी उन्होंने प्रशासन से मांग की थी कि दो नंवबर को घर से ही मतदान करेंगे।

जानकारी के अनुसार, इससे जब प्रशासन ने उनसे पूछा कि आप कहां से मतदान करेंगे तब उन्होंने कहा था हर बार की तरह इस बार भी कल्पा प्राथमिक पाठशाला पोलिंग बूथ से ही मतदान करूंगा, लेकिन तबीयत ठीक न होने पर उन्हें लगा कि अब इस दुनिया से विदा लेना है। इसलिए उन्होंने जिला प्रशासन से अपील की कि अब वे अपने घर से ही मतदान करेंगे। उन्होंने अंतिम बार इस विधानसभा में मतदान करके पूरे देश और किन्नौर के मतदाताओं को एक संदेश दिया है।

उनके निधन की जानकारी देते हुए उपायुक्त किन्नौर आबिद हुसैन सादिक ने बताया कि देश के प्रथम मतदाता श्याम सरण नेगी का निधन हुआ है जो पूरा देश और किन्नौर के लिए दुखद है। उन्होंने कहा कि प्रशासन की ओर से उनको पूरा सम्मान मिलेगा। उन्होंने कहा कि सभी प्रशासन के अधिकारी और पुलिस अधिकारी उनके अंतिम संस्कार में मौजूद रहेंगे और पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी जाएगी।

नेगी की निधन की सूचना मिलते ही से उनके घर में उनका अंतिम दर्शन के लिए सुबह से ही लोगों का तांता लगा रहा। नेगी अपने पीछे तीन बेटे और पांच बेटियां को छोड़कर चले गए हैं। सूचना मिलते की प्रदेश मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने उनके पोते को फोन पर बातचीत करके उन्हें संत्वाना दी।

सन् 1917 में जन्मे नेगी ने 1951 से लेकर अब तक 16 बार लोकसभा चुनाव में मतदान किया है। 2014 से हिमाचल के चुनाव आइकन भी हैं। नेगी ने 1951 से हर चुनाव में मतदान किया। प्रथम मतदाता ने पहली बार घर के प्रांगण में बने डाक बूथ में एक लिफाफे में बंद कर मतपेटी में डाल दिया था। सरण नेगी न केवल हिमाचल, बल्कि देश के आइकन रहे। 106 वर्ष की आयु होने के बाद भी मतदान करने के प्रति उनका जज्बा इस बात का प्रमाण है कि लोकतंत्र के सुदृढ़ीकरण में एक-एक मत की कितनी महत्ता है।

 

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