नई दिल्ली। उपचुनाव के अच्छे परिणामों को देखने के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की नजर अब 2022 में होने वाले पांच राज्यों (उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मणिपुर, गोवा, पंजाब) के विधानसभा चुनावों पर है। पार्टी के शीर्ष नेता लगातार इसको लेकर मंथन कर रहे हैं। रविवार को दिल्ली में हुई पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में भी इस पर मंथन हुआ। उन मसलों पर भी चर्चा हुई जो आने वाले चुनावों में भाजपा के खिलाफ जा सकते हैं, जैसे कि महंगाई, बेरोजगारी और कोरोना। पार्टी के एक बड़े नेता ने कहा कि लगभग सभी राज्यों के नेताओं ने शीर्ष नेतृत्व के सामने बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी का मुद्दा उठाया। सबका यही कहना है कि कोरोना के चलते लोगों की बदली जिंदगी को भी जल्द से जल्द पटरी पर लाना होगा। इसके लिए केंद्र स्तर पर बड़े और आम लोगों को राहत देने वाले फैसले लेने होंगे। उन्होंने आगे कहा कि उपचुनाव के नतीजों से ये साफ है कि जनता का विश्वास भाजपा पर पहले की तरह कायम है। बस हमें उन्हें उनकी उन समस्याओं से राहत दिलाना है, जो कोरोना के समय उठी हैं। पार्टी के एक अन्य राष्ट्रीय नेता के अनुसार पांचों राज्यों के चुनाव में दो बातों पर फोकस होगा। पहला जनता के बीच केंद्र सरकार के कामकाज का लेखा-जोखा और मोदी का चेहरा रखा जाएगा, वहीं दूसरी ओर राज्य सरकारों (जहां, भाजपा की सरकारें हैं) के अच्छे कामों की गिनती कराई जाएगी। अलग-अलग माध्यम से केंद्र और राज्य सरकारों की उपलब्धियों को आम जनता के बीच पहुंचाया जाएगा। इसके लिए कई बिंदुओं में प्लानिंग की गई है।