झुर्रियों की समस्या से निजात पाने के लिए फॉलों करें ये टिप्स

ब्‍यूटी टिप्‍स। जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है वैसे-वैसे त्‍वचा संबंधित कई समस्‍याएं नजर आने लगती हैं। जिसे स्किन एजिंग प्रॉब्‍लम्‍स के नाम से भी जाना जाता है। ऐसे में त्‍वचा में रूखापन, झुर्रियां, स्‍पॉट और पिंपल्‍स होना आम बात है। एजिंग से जुड़ी तमाम समस्‍याओं को कम करने में रेटिन-ए सबसे शक्तिशाली इंग्रीडिएंट्स में से एक हो सकता है। इसे ट्रेटीनोइन के नाम से भी जाना जाता है। ये उम्र बढ़ने के संकेतों को कम करने और स्किन को यंग बनाए रखने के लिए स्किन की बनावट और टोन में सुधार करने का काम करता है। रेटिन-ए स्किन को चमकदार बनाने के लिए काले धब्‍बे और पिगमेंटेशन को कम करने में भी सहायता करता है। आखिर रेटिन-ए क्‍या है और ये कैसे काम करता है आइए इसके बारे में  जानते हैं।

क्‍या है रेटिन-ए? :-
रेटिन-ए या ट्रेटीनोइन विटामिन ए से प्राप्‍त रेटिनोइड फेमिली से संबंधित पदार्थ है। आमतौर पर रेटिनोइड्स का उपयोग मुहांसे, मेलास्‍मा और सोरायसिस आदि के इलाज के लिए किया जाता है। इसका नियमित इस्‍तेमाल करने से झुर्रियों और फाइनलाइन्‍स को कम किया जा सकता है। कई वैज्ञानिक अध्‍ययनों में भी ये बात सामने आई है कि रेटिन-ए एक शक्तिशाली एंटी-एजिंग दवा के रूप में काम कर सकता है।

रेटिन-ए के एंटीएजिंग बेनिफिट्स :-
रेटिन-ए या ट्रेटीनोइन एक बेहतरीन एंटी-एजिंग का काम करता है। हालांकि कई लोगों को इससे स्किन में जलन, लालिमा और सूखापन महसूस हो सकता है, जो रेटिनोइड्स का एक सामान्‍य दुष्‍प्रभाव हो सकता है। प्रतिदिन 0.5 प्रतिशत ट्रेनिनॉइन क्रीम लगाने से न केवल कोलेजन फॉर्मेशन को बढ़ावा मिलता है बल्कि स्किनटोन में भी सुधार होता है। इससे नई ब्‍लड सेल्‍स भी विकसित हो सकती हैं।

रेटिन-ए का प्रयोग :-
–  रेटिन-ए का उपयोग दिन के समय नहीं बल्कि रात को सोने से पहले करना चाहिए। यूवी रेज से इसका प्रभाव कम हो सकता है।
– बेंजोयल पेरोक्‍साइड के साथ ट्रेटीनोइन का इस्‍तेमाल करने से बचें। इसे अन्‍य एसिड उत्‍पादों जैसे सैलिसिलिक एसिड, ग्‍लाइकोलिक एसिड और विटामिन सी के साथ भी उपयोग नहीं करना चाहिए।
– रेटिन-ए का इस्‍तेमाल करने से पहले चेहरा क्‍लीन करें। यदि किसी अन्‍य स्किन प्रोडक्‍ट के साथ रेटिन-ए लगा रहे हैं तो इसे लगाने से पहले कम से कम 15 मिनट इंतजार करें।
– जब इसका सही तरीके से उपयोग किया जाता है तो ट्रेटिनॉइन स्किन की कोशिकाओं के टर्नओवर में सुधार करता है। स्किन पर इसका प्रभाव काफी धीमा होता है इसलिए धैर्य रखना आवश्‍यक है।
– एजिंग इफेक्‍ट को कम करने के लिए रेटिन-ए का इस्‍तेमाल किया जा सकता है। स्किन पर इसका इस्‍तेमाल करने से पहले एक्‍सपर्ट की सलाह अवश्‍य लें।

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