गंगा दशहरा के शुभ अवसर पर इन स्‍थानों पर लगाएं आस्‍था की डुबकी, जन्‍मों के पापों से पाएं मुक्ति

Ganga Dussehra : धार्मिक पंचांग के अनुसार, गंगा दशहरा  हर साल ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की दशमी को मनाया जाता है। माना जाता है कि इस दिन देवी गंगा का धरती पर अवतरण हुआ था। हर वर्ष की तरह इस साल भी गंगा दशहरा 5 जून को मनाया जा रहा है। उत्तर प्रदेश में लाखों लोग इस दिन पवित्र गंगा नदी के किनारे डुबकी लगाकर अपने पापों से मुक्ति की कामना करते हैं। इस दौरान इस गंगा दशहरा पर आप भी श्रद्धा की डुबकी लगाएं और जीवन को पवित्रता से भरें। 

मोक्ष की नगरी

बता दें कि भगवान शिव की प्रिय नगरी काशी में गंगा दशहरा पर विशेष भीड़भाड़ देखने को मिलती है। इस स्‍थान को मोक्ष की नगरी भी कहा जाता है। जहां आप गंगा दशहरा के शुभ अवसर पर पावन डुबकी लगा सकते हैं।  ऐसे में गंगा दशहरा पर दशाश्वमेध घाट, अस्सी घाट और मणिकर्णिका घाट पर श्रद्धालुओं का तांता लगता है। जानकारी के मुताबिक, सुबह-सुबह गंगा स्नान और शाम की भव्य आरती विशेष आकर्षण होती है।

प्रयागराज संगम स्‍थल

गंगा दशहरा के शुभ अवसर पर तीन नदियों के संगम स्थल प्रयागराज में पावन डुबकी लगाने के लिए श्रद्धालु पहुंचते हैं। बता दें कि  गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम पर गंगा दशहरा का विशेष महत्व है। इसे बहुत ही पवित्र स्‍थल माना जाता है इस दौरान यहां गंगा स्नान के साथ-साथ दान-पुण्य और पूजा-पाठ का आयोजन होता है।

हरिद्वार में हर की पौड़ी

बता दें कि उत्तराखंड में स्थि‍ति हरिद्वार में भी यूपी के लोग बड़ी संख्‍या में गंगा दशहरा के अवसर पर पहुंचते हैं। ऐसे में हर की पौड़ी पर स्नान और आरती का अद्भुत अनुभव श्रद्धालुओं को मिलता है। बता दें कि हरिद्वार  धर्म और आस्था का संगम स्थल है। यहां पतित पावनी गंगा में स्नान करके तन-मन को शुद्ध कर सकते हैं।

कानपुर और बिठूर में पवित्र स्‍थल

बता दें कि कानपुर या बिठूर दोनों ही गंगा नदी के किनारे स्थित है श्रद्धालुओं के लिए इस स्‍थान की बड़ी मानता है और यह गंगा स्नान के लिए भी प्रसिद्ध है। यह बिठूर कानपुर से लगभग 15 किमी दूर स्थित है। ब्रह्मावर्त घाट, पत्थर घाट, सीता घाट यहां के प्रमुख महत्वपूर्ण घाट है। इस दौरान कानपुर शहर में सरसैया घाट, सिद्धनाथ घाट, अटल घाट पर गंगा स्नान के लिए जा सकते हैं।

मिर्जापुर का विन्ध्याचल घाट

प्राप्‍त जानकारी के अनुसार विन्ध्यवासिनी देवी के दर्शन के साथ गंगा स्नान का विशेष पुण्य फल मिलता है। यहां का गंगा तट गंगा दशहरा पर भक्तों से गुलजार रहता है।

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