ब्यूटी टिप्स। अक्सर पैरों में पसीने के कारण बदबू आने लगती है। इस स्थिति का सामना किसी भी पुरुष या महिला को करना पड़ सकता है। इसका उम्र से भी कोई लेना देना नहीं है। यह केवल एक मौसम की बात भी नहीं। गर्मी, बारिश और यहां तक कि सर्दी के दिनों में भी दौड़ने, जिमिंग करने या टहल कर आने के बाद जब आप जूते उतारते हैं तो बदबू न केवल आपको, बल्कि आपके आस पास के पूरे वातावरण को परेशानी में डाल देता है। यह बदबू असल मे आपके पैरों से आती है जो मोजों तक में बस जाती है। इस स्थिति का अक्सर मजाक भी बनाया जाता है। लेकिन यह एक आम समस्या है जिसे लेकर लोग काफी परेशान रहते हैं। आइए जानें क्यों इसका कारण और कैसे कर सकते हैं इस पर नियंत्रण।
पैरों में बदबू का कारण:-
पैर हमारे शरीर का वह हिस्सा हैं जिसपर अधिकांश लोग ध्यान नहीं देते जब तक एड़ियां फटना या दर्द करना शुरू नहीं कर देतीं। पैर शरीर का वह हिस्सा हैं जहां सबसे ज्यादा पसीना आता है। पैरों में करीब 250,000 पसीना पैदा करने वाली ग्लैंड्स होती हैं। ये ग्रन्थियां दिनभर पैरों का तापमान संतुलित रखने और नमी बनाए रखने के लिए पसीना पैदा करती रहती हैं। यही पसीना बैक्टीरिया के पनपने की स्थिति बनाता है और यही बदबू का कारण बनती है। इस स्थिति को ब्रोमोडोसिस कहते हैं। ब्रोमोडोसिस की स्थिति कई बार फंगल इंफेक्शन जैसे कि एथलीट्स फुट के कारण भी सामने आ सकती है। ज्यादातर मामलों में साधारण उपायों से ही इस बदबू को नियंत्रित किया जा सकता है।
बदबू दूर करने के उपाय:-
- नहाते समय पैरों को साफ करने के लिए किसी भी माइल्ड सोप और स्क्रब का उपयोग करें। इसके बाद जब भी घर लौटकर जूते उतारें, पैरों को फिर से एक बार गुनगुने पानी और माइल्ड साबुन से धोएं। धोने के बाद पैरों को अच्छे से सुखाएं। नमी रहने से बैक्टीरिया आसानी से पनप सकते हैं।
- नाखूनों को समय पर काटें और उनमें से पूरी तरह मैल साफ जरूरी करें।
- पैर घिसने वाले साधन की मदद से नियमित पैरों की डेड स्किन निकालते रहें। गीली होने पर अक्सर डेड स्किन की मोटी परत फूलकर नरम और नम हो जाती है और बैक्टीरिया कर पनपने के लिए आसान स्थितियां पैदा कर देती है।
- रात को सोने से पहले एक कॉटन बॉल पर हल्का सा अल्कोहल लगाकर उसे पैरों पर लगाएं लेकिन ध्यान रखें कि इसे पैरों की फटी एड़ियों या खुले घावों पर न लगाएं।
- दिन में कम से कम एक बार पैरों पर एंटीफंगल फुट स्प्रे या मेडिकेटेड पावडर का उपयोग करें। इसके लिए आप डॉक्टर से भी सलाह ले सकते हैं।
- यदि सामान्य साबुन आपकी स्किन के लिए समस्या पैदा कर रहा है तो एंटीफंगल या एंटीबैक्टीरियल साबुन का उपयोग पैरों के लिए करें।
- मोजों का उपयोग एक दिन से ज्यादा के लिए न करें। खासकर गर्मी और बारिश में या खेलने और एक्सरसाइज के बाद। यदि आप दिनभर ऐसा काम करते हैं कि पैर पसीने से भरते हैं तो मोजे एक बार से ज्यादा बार भी बदल सकते हैं।
- अपने पास 2 जोड़े जूतों के रखें और हर दिन इन्हें बदल बदल कर पहनें। इससे जूतों से नमी को सूखने के पूरा मौका मिलेगा। जूतों के अंदर मौजूद सोल्स को बाहर निकाल कर रख दें। आप चाहें तो इन्हें धो भी सकते हैं।