नई दिल्ली। बंगाल की खाड़ी के ऊपर स्थित अत्यंत प्रचण्ड चक्रवाती तूफान ‘मोचा’ पिछले 6 घंटों के दौरान लगभग 8 किमी. प्रति घंटे की रफ्तार के साथ उत्तर-पूर्व दिशा की ओर बढ़ रहा है। आज यह पोर्ट ब्लेयर से लगभग 565 किमी. उत्तरपश्चिम, कॉक्स बाजार (बांग्लादेश) से 760 किमी दक्षिण-पश्चिम और सिटवे (म्यांमार) से 690 किमी दक्षिण-पश्चिम दिशा में मौजूद है। रविवार की दोपहर के आसपास इसके एक अति-प्रचंड चक्रवाती तूफान के रूप में सिटवे (म्यांमार) के करीब क्यौकप्यू (म्यांमार) और दक्षिण-पूर्व बांग्लादेश के कॉक्स बाजार के बीच तट को 150-160 किमी प्रति घंटे की तेज रफ्तार से पार करने की संभावना है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा है कि साइक्लोन ‘मोचा’ में हवा की रफ्तार 175 किमी. प्रति घंटे को भी पार करने के आसार है। ‘मोचा’ के असर से अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में आज अधिकांश जगहों पर हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। नॉर्थ ईस्ट के त्रिपुरा और मिजोरम में भी कई जगहों पर आज भारी बरसात होने की संभावना है। जबकि नागालैंड, मणिपुर और दक्षिण असम में मोचा के असर से रविवार को कई जगहों पर भारी बारिश हो सकती है।
नॉर्थ ईस्ट में ‘मोचा’ का कहर
‘मोचा’ के कारण अंडमान द्वीप समूह में 13 मई की सुबह तक 50-60 किमी. प्रति घंटे की रफ्तार से लेकर 70 किमी. प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने की संभावना है। आईएमडी ने कहा कि त्रिपुरा, मिजोरम और दक्षिण मणिपुर में साइक्लोन ‘मोचा’ के कारण 14 मई को 50 से 60 किमी. प्रति घंटे की रफ्तार से लेकर 70 किमी. प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चल सकती है। अंडमान सागर के ऊपर खासकर उत्तरी अंडमान सागर और दक्षिण पूर्व बंगाल की खाड़ी में समुद्र आज बहुत उग्र रह सकता है। वहीं पूर्वी मध्य बंगाल की खाड़ी में समुद्र उफान पर है और ये हालात रविवार की सुबह तक जारी रहने वाले हैं। इसके बाद धीरे-धीरे इसमें सुधार होगा।
नुकसान की आशंका
आईएमडी के अनुसार, मिजोरम, त्रिपुरा और दक्षिण मणिपुर में कमजोर और असुरक्षित ढांचों को मामूली नुकसान पहुंचने की संभावना है। भारी बारिश के कारण कच्ची सड़क में कुछ दरारें पड़ सकती हैं और संवेदनशील इलाकों में भूस्खलन की संभावना है। तेज आंधी से छोटे पेड़ उखड़ सकते हैं और पेड़ों की शाखाएं टूट सकती हैं। छोटे पेड़ों- जैसे केला, ड्रमस्टिक और पपीता आदि को बड़ा नुकसान हो सकता है। इसके साथ ही नॉर्थ ईस्ट के राज्यों में तूफान और बारिश से खड़ी फसलों को नुकसान होगा। आईएमडी ने पके फलों को तुरंत तोड़ने और फसलों की तुरंत कटाई करने का सुझाव दिया है। इसके साथ ही सब्जियों की नर्सरियों, फलों के बागों को बाड़ लगाकर और कवर करके सुरक्षित करने के लिए कहा गया है। इस दौरान उर्वरकों और कीटनाशकों के प्रयोग से बचने की सलाह दी गई है। बचाव के लिए सभी पशुओं को शेड के अंदर रखने को कहा गया है।