तिरुवंतपुरम। केरल हाई कोट ने एक दुर्घटना के मामले में सुनवाई करते हुए सड़क सुरक्षा को लेकर अहम निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने सरकार को आदेश दिया है कि राज्य की सभी प्रमुख सड़कों को चिह्नित किया जाए और उन पर यात्री क्रॉसिंग को अनिवार्य रूप से लागू किया जाए। न्यायमूर्ति देवन रामचंद्रन की एकल पीठ ने इसे अधिकारियों का “फल्रेंसिक कर्तव्य” कहा। इसके साथ ही अदालत ने संबंधित मामले में मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण के आदेश को भी बरकरार रखा है। आदेश में कोझिकोड में जेब्रा लाइन पार करते समय एक पुलिस वाहन की टक्कर से घायल हुई एक 50 वर्षीय महिला के परिवार को 48 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया गया था।
कोर्ट ने इस आदेश के साथ ही कहा कि राज्य की सड़कें अभी भी पैदल यात्रियों की सुरक्षा में अपर्याप्त हैं। पैदल यात्री क्रॉसिंग को शायद ही कभी ठीक से चिह्नित किया जाता है और यहां तक कि जहां क्रॉसिंग होती भी है, तो चालक द्वारा उस पर बहुत कम ध्यान दिया जाता है। आदेश के दौरान न्यायालय ने कहा कि सरकार तर्क चौंकाने वाला है कि सड़क पार करते समय महिला ने लापरवाही बरती। कोर्ट ने कहा कि जब पैदल चलने वालों को जेब्रा क्रॉसिंग पर भी कुचल दिया जाता है, तो यह दिखाता है कि हमारे ड्राइवरों को नियमों के बारे में कितना कम पता है।