नई दिल्ली। इंडियन मेडिकल काउंसिल आफ मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) के ड्रोन रिस्पांस एंड आउटरीच इन नार्थ ईस्ट (i-Drone) पायलट प्रोजेक्ट ने शनिवार को चिकित्सा आपूर्ति देने के लिए नगालैंड के मोकोकचुंग से तुएनसांग तक अपनी आखिरी और सबसे लंबी ड्रोन उड़ान भरी। तुएनसांग की आई-ड्रोन टीम ने कहा कि हमारी आखिरी और सबसे लंबी एकतरफा ड्रोन उड़ान ने 28 मिनट में मोकोकचुंग से तुएनसांग तक चिकित्सा आपूर्ति पहुंचाई। 28 मिनट में ड्रोन ने 90 किलोमीटर का सफर तय किया है, जहां तक पहुंचने में सात से आठ घंटे लगते हैं। यह ड्रोन लगभग 3525 इकाइयों की चिकित्सा आपूर्ति लेकर मोकोकचुंग से तुएनसांग पहुंचा। आई-ड्रोन टीम के अनुसार यह भारत में दवाओं को ले जाने वाले ड्रोन द्वारा अब तक की सबसे लंबी उड़ान थी। भारत में दवाओं को ले जाने वाले ड्रोन द्वारा अब तक की सबसे लंबी उड़ान पर मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो ने कहा कि आइसीएमआर दिल्ली और राज्य सरकार ने सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रथाओं के इतिहास में एक नया अध्याय लिखा है। चिकित्सा आपूर्ति की 3525 इकाइयों को 28 मीनट में 40 किमी दूर तक पहुंचाया गया। आइआइटी कानपुर के सहयोग से आइसीएमआर द्वारा विकसित आई-ड्रोन दक्षिण एशिया में अपनी तरह का पहला है, जो इस क्षेत्र में पहला उड़ने वाला वाणिज्यिक ड्रोन बन गया है। इसका उद्देश्य कोरोना वायरस के टीकों और आवश्यक चिकित्सा आपूर्ति की आपूर्ति करना है।