शादीशुदा जिंदगी चल रही है खराब तो जरुर लें ‘कपल थेरेपी’

रिलेशनशिप। शादीशुदा रिश्‍ता बेहद नाजुक होता है। इसमें छोटी सी दरा‍र कब नासूर बन जाए पता ही नहीं चलता। कपल्‍स के बीच लड़ाई-झगड़े होना, एक-दूसरे को समय न देना या बात न करना सामान्‍य है। लेकिन जब पति-पत्नी एक-दूसरे की परवाह करना या फ्रिक करना बंद कर दें तो रिश्‍ता टूटने की कगार पर पहुंच सकता है। ऐसे रिश्‍तों को संजोने और बचाने के लिए अ‍क्‍सर ‘कपल थेरेपी’ का सहारा लिया जाता है। ये कपल्स के पास रिश्‍ते को बचाने का आखरी प्रयास हो सकता है। कपल थेरेपी के अंतर्गत थेरेपिस्‍ट के पास आना रिश्‍ते के लिए बीमा कराने जैसा हो सकता है, जो रिश्‍ते के फायदों के बारे में कपल को आगाह करते हैं। इससे पहले उन संकेतों के बारे में जानना जरूरी है जो कपल थेरेपी को अपनाने का इशारा करते हैं। चलिए जानते हैं इसके बारे में-

जब रिश्‍ते की चमक खो गई हो:-

जब कपल की लाइफ में चीजों की अहमियत कम हो जाती है तो रिश्‍ते की चमक खोने लगती है। किसको क्‍या पसंद और वह कैसी लाइफ व्‍यतीत कर रहा है, ये जानना जरूरी है ताकि रिश्‍तों में नयापन और लाइफ में स्‍पार्क बना रहे। कपल थेरेपी रिश्‍तों की पुरानी चमक को वापस लाने में मदद कर सकती है।

पुरानी चीजों को याद करना:-
कई बार कपल्‍स लड़ने के लिए टॉपिक तलाशते रहते हैं। ऐसे में कई बार वे उन चीजों को लड़ाई में शामिल कर लेते हैं, जो पहले घटित हो चुकी हो। वे पुरानी बातों को याद करके लड़ाई का बहाना ढूंढते हैं। ऐसे में उन्‍हें कपल थेरेपी की आवश्‍यकता पड़ सकती है, जो कपल को वर्तमान में जीना सिखा सकती है और पुराने किस्‍सों को सुलझाने में मदद कर सकती है।

जब बात करना मुश्किल हो जाए:-

जब कपल्‍स के बीच बातचीत बंद हो जाए या मुश्किल हो जाए तो समझिए कपल थेरेपी की आवश्‍यकता है। थेरेपी के दौरान दोनों भागीदारों को सुरक्षित वातावरण दिया जाता है ताकि वे खुलकर बात कर सकें। इससे कपल्‍स के बीच की अनबन और मनमुटाव को कम करने का प्रयास किया जाता है।

एक साथ समय न बिताना:-

लाइफस्‍टाइल और वयस्‍तता के कारण कई बार कपल एक साथ क्‍वालिटी टाइम नहीं बिता पाते। जो लड़ाई और कलेश का कारण बन सकता है। कपल थेरेपी के माध्‍यम से कपल को पूरा समय दिया जाता है ताकि वे क्‍वालिटी टाइम बिता पाएं और रिश्‍ते को मजबूत बना सकें।

बातें छुपाना:-
जब कपल आपस में एक-दूसरे से बातें छुपाने लगें तो समझिए रिश्‍ते में दूरियां आ रही हैं। ऐसे में थेरेपिस्‍ट कपल के बीच की दूरियों को कम करने का काम करता है। साथ ही उन बातों को भी सुलझा सकता है जो लड़ाई का कारण हो। रिश्‍तों को टूटने से बचाने के लिए कपल थेरेपी का सहारा लिया जा सकता है1 ये थेरेपी कपल को रिश्‍ते की अहमियत समझाती है साथ ही रिश्‍ते को कैसे नए सिरे से शुरू किया जाए इसकी जानकारी देती है।

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