समुद्री जलस्‍तर बढ़ने से डूबने की कगार पर कई महानगर, 7.6 करोड़ आबादी खतरे में

India News : देश में भारत समेत दुनिया के कई महानगर समुद्री जलस्‍तर के कारण तेजी से धंसने और डूबने के कगार पर हैं। समुद्र के जलस्तर बढ़ने के कारण कई शहर तेजी से अपनी जमीन खो रहे हैं। जानकारी के मुताबिक, एक अंतरराष्ट्रीय शोध में सामने आया है कि एशिया, अफ्रीका और अमेरिका के दर्जनों महानगर हर साल औसतन एक सेंटीमीटर या उससे अधिक धंस रहे हैं

गंभीर हालातो में कई महानगर शामिल

जानकारी के मुताबिक, भारत के मुंबई, सूरत, चेन्नई, कोलकाता और अहमदाबाद भी इसमें शामिल हैं,  इस भयानक अवस्‍था में लाखों लोग ऐसी जमीन पर रह रहे हैं जो हर साल नीचे जा रही है। ऐसे में अध्ययन किया गया कि एशिया, अफ्रीका, यूरोप और अमेरिका के 48 महानगरों को शामिल किया गया। इस अध्‍ययन के दौरान इन सभी में एक बात समान है, समुद्र का बढ़ता जलस्तर और जमीन का तेजी से नीचे जाना।

मुंबई में करीब 2.8 सेंटीमीटर तक धंस रही जमीन

बता दें कि देश की आर्थिक राजधानी मुंबई के किंग्स सर्कल स्टेशन जैसे इलाकों में हर साल जमीन करीब 2.8 सेंटीमीटर तक धंस रही है। इस प्रकार इस इलाके में करीब 62 लाख लोग रहते हैं, जानकारी के मुताबिक, हर साल जमीन 1 सेंटीमीटर से अधिक की दर से नीचे जा रही है। इसकी प्रमुख वजह अनियंत्रित भूजल दोहन, भारी निर्माण कार्य, मेट्रो परियोजनाएं, ऊंची इमारतें और नम भूमि पर अवैज्ञानिक विकास माना जा रहा है।

सूरत भी इस खतरे का कर रहा सामना

वर्तमान समय में गुजरात का औद्योगिक शहर सूरत भी इसी खतरे का सामना कर रहा है। इस दौरान करंज जैसे क्षेत्र में जमीन 6.7 सेंटीमीटर प्रति वर्ष की दर से धंस रही है। यहां करीब 41 लाख लोग प्रभावित क्षेत्रों में रहते हैं।

अहमदाबाद में खतरे से जूझ रहे लोग

जानकारी के तहत अहमदाबाद के पीपलाज इलाके में जमीन हर साल 4.2 सेंटीमीटर तक धंस रही है। वहीं लगभग 34 लाख लोग इस गंभीर खतरे की परिधि में जुझ रहे हैं। इस दौरान हालात अधिक बिगड़ गए हैं।

कोलकाता में सबसे ज्यादा भू-धंसाव

बता दें कि कोलकाता के कई हिस्सों में हर साल जमीन औसतन 0.01 से 2.8 सेंटीमीटर तक धंसी। वहां सबसे ज्यादा भू-धंसाव भाटपाड़ा क्षेत्र में दर्ज हुआ, इस दौरान हर साल जमीन 2.6 सेंटीमीटर नीचे गई। ऐसे खतरनाक क्षेत्रों में करीब 17 लाख लोग रहते हैं।

इसे भी पढ़ें :- श्रीनगर-लद्दाख को रेल मार्ग से जोड़ने की योजना बना रही सरकार, नए रेल खंड के लिए किया जा रहा है सर्वे

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *