नई दिल्ली। श्रीलंका में चल रहे रेलवे प्रोजेक्ट्स के लिए भारत ने लग्जरी रेलवे कोचों की सौगात दी है। ये सभी कोच श्रीलंका की जरुरतों के हिसाब से तैयार किए गए हैं। दोनों देशों के बीच हुए 600 करोड़ रुपये के समझौते के तहत ये अत्याधुनिक कोच श्रीलंका को मिले हैं। रेलवे के बुनियादी ढांचे के विकास में श्रीलंका की मदद के लिए भारत ने उसके साथ ये करार किया है। हाल ही में भारतीय रेलवे ने श्रीलंका रेलवे को 20 यात्री डिब्बों की एक खेप भेजी है। कोलंबो में भारतीय उच्चायोग की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक रेल इंडिया टेक्निकल एंड इकोनॉमिक सर्विस द्वारा अत्याधुनिक कोचों को पड़ोसी देश पहुंचाया गया है। 17 सितंबर को 20 यात्री डिब्बे कोलंबो बंदरगाह पहुंचे हैं। डिब्बों की यह खेप श्रीलंका रेलवे के साथ 160 यात्री कोच की आपूर्ति के ठेके का हिस्सा है, जिसके लिए अमेरिका ने भारत को 31.8 करोड़ डॉलर का कर्ज दिया है और भारत के माध्यम से इसे वित्त पोषित किया गया है। इस पहले खेप की कीमत 8.26 करोड़ अमेरिकी डॉलर है। बयान के अनुसार इन अत्याधुनिक कोचों को भारत में बनाया गया है और इन्हें बनाते वक्त श्रीलंका रेलवे की जरूरतों का पूरा ध्यान रखा गया है। इन डिब्बों को इंटीग्रल कोच फैक्ट्री चेन्नई में तैयार किया गया है। श्रीलंका रेलवे को अब तक 160 यात्री डिब्बों में से 60 की आपूर्ति की जा चुकी है, जबकि 20 और यात्री डिब्बे भारत से भेजे जाने के लिए तैयार हैं। पीएसयू-राइट्स लिमिटेड 318 मिलियन अमेरिकी डॉलर की भारतीय ऋण सहायता के तहत श्रीलंका को दो वातानुकूलित डीएमयू की आपूर्ति करने के लिए भी तैयार है। 13 डिब्बों वाला पहला एसी डीएमयू सेट भारत से भेजे जाने के लिए तैयार है और श्रीलंका द्वारा जहाज के नामांकन की प्रतीक्षा कर रहा है। इस समझौते के तहत कुछ अन्य परियोजनाओं में महो से ओमनथाई (128 किलोमीटर लंबी) तक रेलवे लाइन का उन्नयन, महो से अनुराधापुरा तक सिग्नलिंग परियोजना, पोलगहवेला से कुरुनेगला तक रेल लाइन की डबल ट्रैकिंग आदि शामिल हैं।