Indian Railways: ट्रेनों में जल्‍द मिलेगी वेटिंग लिस्‍ट के झझटों से मुक्ति, कंफर्म टिकट के लिए रेलमंत्री ने बताया प्‍लान

Indian Railways: हर रोज लाखों लोग ट्रेन से सफर करते है. ट्रेन से सफर करना काफी सुविधाजनक होता है. लेकिन कभी कभी सफर करने के लिए ट्रेन की टिकटों को लेने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. लेकिन अब नहीं. जी हां. भारतीय रेलवे ट्रेनों में वेटिंग टिकट की झझटों को खत्म करने को लेकर काम कर रहा है.

भारतीय रेलवे के अनुसार अब आने वाले दिनों में लोगों को तीन महिने पहले ही टिकट बुक कराने की जरूरत नहीं होगी. ट्रेनों में यात्री सुविधाजनक सफर कर सकें इसके लिए रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने खुद प्लान बताया है.

Indian Railways: वेटिंग टिकट खत्‍म करने की दिशा में महत्‍वपूर्ण कदम

दरअसल, रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि बजट में तीन कॉरिडोर की घोषणा वेटिंग टिकट खत्म करने दिशा में उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है. भारतीय रेलवे एक वर्ष में करीब 700 करोड़ यात्रियों का परिवहन करती है, इस क्षमता को 1000 करोड़ यात्री प्रतिवर्ष ले जाना है. इसके लिए भारतीय रेलवे द्वारा नए ट्रैक का निर्माण किया जाएगा और नई गाड़ी चलाई जाएंगी, जिससे वेटिंग लिस्ट की समस्‍या से मुक्ति मिल सकेगी.

Indian Railways: 40 हजार किमी रेलवे ट्रैक का निर्माण

रेलमंत्री ने कहा कि 1 फरवरी को पेश किए गए बजट में की गई घोषणा के अनुसार इन तीनों कॉरिडोर को मिलाकर 40 हजार किलोमीटर रेलवे ट्रैक का निर्माण किया जाएगा. यह जर्मनी जैसे विकसित देश के कुल रेलवे ट्रैक के बराबर होगा. इसमें नई रेल ट्रैक के निर्माण के साथ ही मौजूदा रेलवे ट्रैक पर जरूरत के अनुसार डबलिंग या उससे अधिक ट्रैक बिछाए जाएंगे. इसके अलावा ट्रेनों के लिए फ्लाईओवर, अंडरपास का भी निर्माण किया जाएगा.

Indian Railways: इस दिन से मिनेगा कंफर्म टिकट

अश्विनी वैष्णव ने बताया कि इन चारों कॉरिडोर के निर्माण में लगभग नौ साल का वक्‍त लगेगा. 40 हजार वंदेभारत सुविधाओं वाले कोचों के निर्माण में 5 वर्ष का समय लग जाएगा. इसी प्रकार वेटिंग लिस्ट खत्म करने में अभी छह से सात वर्ष का समय लगेगा. मतलब साल 2030-31 तक लोगों को कंफर्म टिकट मिल सकेगा.

Indian Railways: 2 साल से चल रहा है काम

उन्‍होंने बताया कि वेटिंग लिस्ट खत्म करने की दिशा में तीन कॉरिडोर के निर्माण की घोषणा अचानक बजट में नहीं की गई है. बल्कि इसके लिए पिछले दो वर्षों से काम चल रहा था. बता दें कि 18 मंत्रालयों, सभी राज्यों और उद्यमियों से विचार विमर्श कर कॉरिडोर की रूप रेखा तय की गई है.

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