जम्मू-कश्मीर। उत्तरी सैन्य कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी ने पंजाब के मामुन सैन्य शिविर में ब्रेवेस्ट ऑफ द ब्रेव से बातचीत की और उनसे देश को आंतरिक और बाहरी खतरों से बचाने के लिए प्रयास जारी रखने का आग्रह किया। जम्मू में सेना के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल देवेन्द्र आनंद ने शनिवार को बताया कि जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और पंजाब के 300 से ज्यादा अनुभवी सैनिकों ने पठानकोट के मामुन सैन्य शिविर से निकाली गई रैली में हिस्सा लिया। इसमें 13वीं जम्मू-कश्मीर राइफल्स के युद्ध नायक भी शामिल थे। रैली में शामिल हुए कई पूर्व सैनिकों ने लेफ्टिनेंट जनरल जोशी के नेतृत्व में युद्ध लड़ा है। वह करगिल युद्ध के समय जम्मू-कश्मीर राइफल्स की 13वीं बटालियन के कमान अधिकारी थे। वर्ष 1999 की लड़ाई में बटालियन ने अपने तात्कालीन कमान अधिकारी जोशी के नेतृत्व में चार हमले किए थे जिनमें से सबसे सफल रहा था प्वाइंट 4875 (प्वाइंट 4875 को करगिल युद्ध के हीरो कैप्टन बत्रा के नाम पर ‘बत्रा टॉप’ कहा जाता है)। बटालियन को ‘ब्रेवेस्ट ऑफ द ब्रेव’ का सम्मान दिया गया था। इसके अलावा कई वीरता पुरस्कार भी दिए गए, जिनमें दो परमवीर चक्र (कैप्टन विक्रम बत्रा और राइफलमैन संजय सिंह), आठ वीर चक्र (सेना कमांडर सहित) और 14 सेना पदक शामिल हैं। प्रवक्ता ने बताया कि सभी ने पुराने सुनहरे दिनों को याद किया, बहादुरी के किस्से दोहराए गए। उन्होंने बताया कि सेना में अपने अनुभवी सैनिकों और पूर्व सैनिकों के साथ बातचीत और चर्चा करने की पुरानी परंपरा है और इसी के तहत जम्मू-कश्मीर राइफल्स के अनुभवी सैनिकों के लिए यह रैली आयोजित की गई थी। प्रवक्ता ने कहा कि उन गौरवशाली दिनों के कई पलों को फिर से ताजा किया गया और उनके बीच किस्से सुनाए गए। उन्होंने कहा कि सेना की अपने दिग्गजों के साथ बातचीत करने की एक लंबी परंपरा है और इस अभ्यास को जारी रखने के लिए पूर्व सैनिकों की रैली जम्मू-कश्मीर राइफल्स के दिग्गज सैनिकों के लिए आयोजित की गई थी।