नई दिल्ली। सरकार दूरसंचार कंपनियों के समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) पर ब्याज की देनदारी को इक्विटी में बदलने के बारे में एक महीने के भीतर विस्तृत दिशानिर्देश जारी कर सकती है। केंद्र सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि ब्याज देनदारी के एवज में तीन दूरसंचार कंपनियों में हिस्सेदारी से जुड़ी प्रक्रिया एक महीने में पूरी हो सकती है। कर्ज में डूबी कंपनियों वोडाफोन आइडिया लि., टाटा टेलीसर्विसेज लि. और टाटा टेलीसर्विसेज (महाराष्ट्र) लि. ने ब्याज की जगह कंपनी में हिस्सेदारी का प्रस्ताव सरकार के समक्ष रखा है। अधिकारी ने कहा कि बकाया भुगतान को इक्विटी में बदलने से जुड़ा ब्योरा वित्त मंत्रालय से आना है।
निवेश एवं सार्वजनिक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग उस ब्योरे पर काम करेगा और फिर दूरसंचार विभाग को भेजेगा। पिछले साल सरकार ने दूरसंचार क्षेत्र के लिए एक राहत पैकेज की घोषणा की थी। उसके तहत वोडाफोन आइडिया लिमिटेड, टाटा टेलीसर्विसेज लिमिटेड और टाटा टेलीसर्विसेज महाराष्ट्र लिमिटेड ने अपनी ब्याज देनदारियों को इक्विटी में बदलने का प्रस्ताव सरकार के समक्ष रखा है। दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक दिन पहले ही कहा है कि बकाया देनदारियों को इक्विटी में बदले जाने के बावजूद इन कंपनियों की मूल राशि की देनदारी बनी रहेगी। उन्होंने कहा कि सरकार इन कंपनियों में सिर्फ निवेशक के रूप में बनी रहेगी।