कार्तिक मास: उगते सूर्य को अर्ध्य देना होगा शुभ
उत्तराखंड। कार्तिक मास में पड़ने वाली पूर्णिमा को कार्तिक पूर्णिमा कहते हैं। हिंदू धर्म में पूर्णिमा का विशेष महत्व है। यह पूर्णिमा सभी पूर्णिमा में बड़ी होती है। इस दिन दान और स्नान का विशेष महत्व है। गंगा में स्नान करने से व्यक्ति के समस्त पापों का नाश होता है। दान आदि करने से इस जन्म ही नहीं अगले जन्म में भी पुण्य का फल मिलता है। हरिद्वार में स्नान का शुभ मुहूर्त सुबह 6.21 बजे से दोपहर दो बजे रहेगा। सुबह 7.20 से सुबह 8.30 बजे विशेष ब्रह्म मुहूर्त होगा। भारतीय प्राच्य विद्या सोसाइटी कनखल के ज्योतिषाचार्य प्रतीक मिश्र पुरी बताते हैं, कार्तिक पूर्णिमा का दिन भगवान विष्णु को समर्पित होता है। इस दिन भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा करने पर श्री हरि प्रसन्न होते हैं। व्यक्ति के सभी संकटों को दूर करते हैं। कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा स्नान का विशेष महत्व होता है। पौराणिक मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर राक्षस का वध किया था। इसलिए इसे त्रिपुरारी पूर्णिमा भी कहते हैं। ज्योतिषाचार्य प्रतीक मिश्र पुरी कहते हैं, इस दिन दान-पुण्य करना बेहद फलदायी होता है। किसी पवित्र घाट या गंगा नदी में स्नान नहीं कर सकते तो घर में ही स्नान के समय पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करने से भी उतना ही फल मिलता है। ज्योतिषशास्त्र के मुताबिक कार्तिक पूर्णिमा के दिन पवित्र नदी में स्नान करके उगते सूर्य को अर्ध्य देना बेहद फलदायी माना जाता है। इसके अलावा दान-पुण्य का विशेष महत्व है। मान्यता है कि यदि कुंडली में चंद्रमा कमजोर होने पर कार्तिक पूर्णिमा के दिन चावल का दान लाभदायी होता है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन दीपदान और तुलसी पूजा करनी चाहिए।