वास्तु। हिंदू पंचांग के मुताबिक महाशिवरात्रि का यह पावन पर्व फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। भगवान भोलेनाथ की पूरे विधि विधान से महाशिवरात्रि के दिन पूजा-अर्चना की जाती है। मान्यता है कि इस दिन महादेव का व्रत रखने से सौभाग्य और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
हिंदू पंचांग के मुताबिक महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव के लिंग स्वरूप का पूजन-अर्चन किया जाता है। यह भगवान शिव का प्रतीक है। शिव का अर्थ है- कल्याणकारी और लिंग का अर्थ है सृजन। पौराणिक ग्रंथों के मुताबिक भगवान शिव ने ही धरती पर सबसे पहले जीवन के प्रचार-प्रसार का प्रयास किया था, इसीलिए भगवान शिव को आदिदेव भी कहा जाता है।
महाशिवरात्रि तिथि:- चतुर्दशी तिथि आरंभ: 1 मार्च मंगलवार 03:16 am से चतुर्दशी तिथि समाप्त: 2 मार्च बुधवार 1:00 am तक।
चारों प्रहर का पूजन मुहूर्त:- महाशिवरात्रि पहले पहर की पूजा: 1 मार्च 2022 को 6:21 pm से 9:27 pm तक महाशिवरात्रि दूसरे पहर की पूजा: 1 मार्च को रात्रि 9:27 pm से 12:33 am तक। महाशिवरात्रि तीसरे पहर की पूजा: 2 मार्च को रात्रि 12:33 am से सुबह 3:39 am तक। महाशिवरात्रि चौथे पहर की पूजा: 2 मार्च 2022 को 3:39 am से 6:45 am तक। व्रत का पारण: 2 मार्च 2022 बुधवार को 6:45 am।