लालकुआं में खुला देश का पहला एरोमेटिक गार्डन
उत्तराखंड। उत्तराखंड के हल्द्वानी में लालकुआं के वन अनुसंधान केंद्र में देश की पहली सुरभि वाटिका (एरोमेटिक गार्डन) तैयार की गई है। तीन एकड़ क्षेत्रफल में तैयार इस वाटिका में 140 सगंध प्रजातियों को लगाया गया है। इस वाटिका को तीन साल में तैयार किया गया है। इसका उद्घाटन रविवार को महाराष्ट्र की वन टच एग्रीकान संस्था की संचालिका बीणा राव और मुख्य वन संरक्षक संजीव चतुर्वेदी ने संयुक्त रूप से किया। मुख्य वन संरक्षक संजीव ने बताया कि देश के विभिन्न राज्यों से सगंध प्रजातियों को लाकर यहां लगाया गया है। यह देश की पहला सुरभि वाटिका है। इसके बनने से प्रजातियों के संरक्षण, शोध, जागरूकता बढ़ाने में मदद मिलेगी। इसके अलावा आजीविका से जुड़े कार्यों में यह मददगार साबित हो सकेगी। वाटिका को नौ हिस्सों में तैयार किया गया है।वन क्षेत्राधिकारी मदन बिष्ट ने बताया कि विभिन्न सगंध उपयोगी 140 प्रजातियों का रोपण किया गया है जिसके चलते यह देश का पहला एरोमेटिक गार्डन बन गया है। कार्यक्रम में डीएफओ दीप चंद्र पंत भुवन सिंह बिष्ट, मुन्नी बोरा, नागेश्वर समेत आदि मौजूद रहे। मुख्य वन संरक्षक संजीव चतुर्वेदी ने कहा कि यहां कई पौधे पर्यावरण प्रदूषण को कम करने, वायुमंडल में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ाने और आसपास के वातावरण को सुगंधमय बनाने के उद्देश्य से लगाए जा रहे हैं। भविष्य में सगंध प्रजातियों के पौधों को लालकुआं और आसपास के क्षेत्र के लोगों को बांटा जाएगा। उन्होंने कहा कि अनुसंधान केंद्र स्थित फाइकस गॉर्डन से भी क्षेत्र को अत्यधिक लाभ होने वाला है क्योंकि देश के दूसरे नंबर के इस फाइकस गार्डन में 121 फाइकस प्रजाति के पौधे लगाए गए हैं। उन्होंने कहा कि वन अनुसंधान केंद्र का उद्देश्य विलुप्त हो रही प्रजातियों को भी संरक्षित करना है।