Lateral Entry: केंद्र सरकार ने लेटरल एंट्री के विज्ञापन पर रोक लगा दी है. इस मामले को लेकर केंद्रीय कार्मिक मंत्री जितेंद्र सिंह ने यूपीएससी के अध्यक्ष को चिट्ठी लिखी है, जिसमें उन्होंने यूपीएससी भर्ती को लेकर सीधी भर्ती (लेटरल एंट्री) से जुडे विज्ञापन को रद्द करने की मांग की है.
सरकार के फैसले पर मचा सियासी बवाल
दरअसल, यूपीएससी ने 17 अगस्त को एक विज्ञापन जारी करते हुए 45 ज्वाइंट सेक्रेटरी, डिप्टी सेक्रेटरी और डायरेक्टर लेवल की भर्तियां निकाली थी, जिसपर जमकर सियासी बवाल हुआ था. विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि सरकार आरक्षण पर चोट कर रही है.
सरकार ने क्यों वापस लिया फैसला?
वहीं, केंद्रीय कार्मिक मंत्री जितेंद्र सिंह ने अपने पत्र में बताया कि सरकार ने यह फैसला लेटरल एंट्री के व्यापक पुनर्मूल्यांकन के तहत लिया है. ज्यादातर लेटरल एंट्री 2014 से पहले की थी. 2014 से पहले होने वाले लेटरल एंट्री में आरक्षण के बारे में कभी सोचा नहीं गया. नेशनल एडवाइजरी काउंसिल पीएमओ को कंट्रोल करती थी.
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