LK Advani: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीजेपी के वरिष्ठ नेता और देश के पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी को जन्मदिन की बधाई दी है. साथ ही उन्होंने लालकृष्ण आडवाणी के लिए लंबे और स्वस्थ जीवन की कामना की है. साथ ही पीएम ने बीजेपी वरिष्ठ नेता को महान दृष्टिकोण वाला राजनेता बताया है.
पीएम मोदी ने दी शुभकामनाएं
PM मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘लालकृष्ण आडवाणी जी को उनके जन्मदिन पर हार्दिक शुभकामनाएं. महान दृष्टिकोण वाले और तीक्ष्ण बुद्धिमत्ता से संपन्न राजनेता आडवाणी जी का जीवन भारत की प्रगति को सुदृढ़ करने के लिए समर्पित रहा है.’’ प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा, ‘‘उन्होंने निस्वार्थ कर्तव्य और दृढ़ सिद्धांतों की भावना को सदैव अपनाया. उनके योगदान ने भारत के लोकतांत्रिक और सांस्कृतिक परिदृश्य पर अमिट छाप छोड़ी है. ईश्वर उन्हें उत्तम स्वास्थ्य और दीर्घायु प्रदान करे.’’
98 वर्ष के हुए आडवाणी
राष्ट्रीय राजनीति में भाजपा को एक मजबूत ताकत के रूप में उभारने में लाल कृष्ण आडवाणी की अहम भूमिका रही है. आडवाणी शनिवार को 98 वर्ष के हो गए हैं. उन्हें इस वर्ष भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से भी सम्मानित किया गया था.
तीन बार बीजेपी अध्यक्ष बने
1980 में भारतीय जनता पार्टी के गठन के बाद अब तक लालकृष्ण आडवाणी सबसे ज्यादा समय तक पार्टी में अध्यक्ष पद पर बने रहे हैं. एलके आडवाणी बतौर सांसद 3 दशक की लंबी पारी खेलने के बाद अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में गृह मंत्री और बाद में उप-प्रधानमंत्री रहे. आडवाणी ने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष 1986-1990, 1993-1998 और 2004-2005 के तौर पर काम किया. उनका जन्म 8 नवंबर 1927 को सिंध प्रान्त (पाकिस्तान) में हुआ था. वह कराची के सेंट पैट्रिक्स स्कूल में पढ़े हैं और उनके देशभक्ति के जज्बे ने उन्हें राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (RSS) की ओर बढ़ने के लिए प्रेरित किया. वह जब महज 14 साल के थे, उस समय से उन्होंने अपना जीवन देश के नाम कर दिया.
1980 से 1990 के बीच आडवाणी ने भाजपा को एक राष्ट्रीय स्तर की पार्टी बनाने के लिए अपना पूरा समय दिया और इसका परिणाम तब सामने आया, जब 1984 में महज 2 सीटें हासिल करने वाली पार्टी को लोकसभा चुनावों में 86 सीटें मिली, जो उस समय के लिहाज से काफी बेहतर प्रदर्शन था. पार्टी की स्थिति 1992 में 121 सीटों और 1996 में 161 पर पहुंच गई. आजादी के बाद पहली बार कांग्रेस सत्ता से बाहर थी और बीजेपी सबसे अधिक संख्या वाली पार्टी बनकर उभरी.
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