lucknow-kanpur : सरकार के मुताबिक, यदि सबकुछ योजना के दौरान चलता रहा तो आने वाले वर्षों में लखनऊ से कानपुर का सफर और भी आसान हो जाएगा। बता दें कि अमौसी से कानपुर के गंगा बैराज तक बहुप्रतीक्षित रैपिड रेल परियोजना को लखनऊ विकास प्राधिकरण ने एनओसी दे दी है। इस रूट पर 160 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से ट्रेन चलाने की योजना है। इसे नमो कॉरिडोर नाम से विकसित किया जाएगा।
कोविड-19 के कारण काम पड़ा था धीमा
बता दें कि योजना के अनुसार, मेरठ-दिल्ली मॉडल पर लखनऊ-कानपुर रैपिड रेल परियोजना को विकसित किया जाना है। वहीं नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन की ओर से वर्ष 2015 में यह प्रस्ताव लाया गया था और वर्ष 2021 में तत्कालीन प्रमुख सचिव दीपक कुमार ने ड्राफ्ट तैयार कराया। इस दौरान वर्ष 2022 में शासन स्तर पर बैठकें हुईं, लेकिन कोविड-19 के कारण काम धीमा पड़ गया।
ये है रूट
सरकार द्वारा योजना के अनुसार, अमौसी एयरपोर्ट, बनी, उन्नाव, जैतीपुर, अजगैन, मगरवारा होते हुए कानपुर के गंगा बैराज तक और बाद में इसे लखनऊ-कानपुर के मेट्रो स्टेशनों से भी जोड़ा जाएगा।
इस परियोजना की खासियत
बता दें कि इस रूट को सड़क और रेलवे मार्ग के साथ विकसित किया जाएगा। इस दौरान इस परियोजना की खासियत यह है कि कोहरा, बारिश या मौसम संबंधी अन्य किसी भी प्रकार की बाधा का असर रफ्तार पर नहीं पड़ेगा। बत दें कि अभी सड़क मार्ग से डेढ़ से दो घंटे का सफर है। रैपिड रेल इसे आधे से भी कम समय में पूरा करेगी।
इस शर्त पर दी गई है एनओसी
बता दें कि एनसीआरटीसी ने एनओसी इस शर्त पर दी गई है कि मास्टर प्लान का उल्लंघन न हो। परियोजना द्वारा बनाई गई योजना में किसी भी प्रकार की बाधा न हो। कानपुर और उन्नाव विकास प्राधिकरण पहले ही एनओसी दे चुके हैं। जानकारी के मुताबिक, प्रोजेक्ट को पांच साल के भीतर पूरा करने की बात सामने आ रही है।
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