नई दिल्ली। रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग तेज हो चुकी है। युद्ध बढ़ने के साथ ही रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ दुनियाभर के देशों का आक्रोश भी बढ़ता जा रहा है। हमले के निर्णय को गलत बताते हुए अमेरिका सहित कई देशों ने रूस पर कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगाए हैं।
रूसी मुद्रा रूबल धराशायी हो चुकी है, बाजारों में हाहाकार मचा है, फॉरेन रिजर्व पर रोक लग चुकी है और देश के बड़े बैंकों की हालत पस्त हो चुकी है। इस बीच एपल और नाइकी जैसी दिग्गज कंपनियों ने बड़ा फैसला लेते हुए रूस में अपने उत्पादों की बिक्री रोक दी है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक सबसे कड़ा प्रतिबंध रूस के वित्तीय तंत्र को स्विफ्ट से अलग रखना है। दरअसल स्विफ्ट अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय लेन-देन से संबंधित सिस्टम है और इससे दुनियाभर के 200 से अधिक देशों के 11,000 से अधिक वित्तीय संस्थान जुड़े हुए हैं।
लगातार प्रतिबंधों को झेल रहे रूस के लिए ऐसे में ये कहना गलत न होगा कि युक्रेन से युद्ध उसपर भारी पड़ रहा है। अमेरिकी टेक दिग्गज और दुनिया की सबसे मूल्यवान कंपनी एपल ने एक बड़ा कदम उठाते हुए रूस में अपने सभी उत्पादों की बिक्री पर रोक लगा दी है।
इसके साथ ही एपल ने अन्य सेवाओं को भी सीमित कर दिया है। कंपनी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि Apple Inc. ने यूक्रेन पर आक्रमण के बाद रूस में आईफोन और उसके अन्य ज्यादातर उत्पादों की बिक्री को रोक दिया है। एपल ने जोर देकर कहा कि कंपनी उन सभी लोगों के साथ है, जो हिंसा से पीड़ित हैं। यही कारण है कि देश के 14.5 करोड़ लोगों वाले देश में अपनी सेवाएं तत्काल प्रभाव से बंद कर दी हैं।
वहीं एपल की ओर से रूस में उत्पादों की बिक्री पर रोक और अन्य सेवाओं पर प्रतिबंध के बाद कंपनी के शेयर सत्र के निचले स्तर पर आ गए। इस फैसले के बाद कंपनी के शेयर 1.2 फीसदी टूटकर 163.20 डॉलर पर बंद हुए। एपल के साथ एथलेटिकवियर निर्माता नाइकी ने भी उसकी राह पर कदम आगे बढ़ाते हुए रूस में अपने उत्पाद की बिक्री को रोकने की घोषणा कर दी।