मेडिकल सीटों में भी ओबीसी को सिर्फ 14 प्रतिशत आरक्षण, हाईकोर्ट ने जारी किया आदेश
मध्य प्रदेश। ओबीसी आरक्षण मामले में प्रदेश सरकार को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने एक बार फिर झटका दिया है। हाईकोर्ट ने कहा कि दिसंबर में मेडिकल सीटों के लिए काउंसिलिंग होगी तो उसमें ओबीसी को 14 फीसदी से अधिक आरक्षण नहीं दिया जा सकता। पन्ना के छात्र शुभम पांडे ने याचिका दाखिल की थी। उन्होंने याचिका में कहा था कि कक्षा 12वीं उत्तीर्ण करने के बाद नीट की परीक्षा दी थी। नीट में 720 में से 563 अंक प्राप्त हुए हैं। इस बीच प्रदेश सरकार ने एमबीबीएस कोर्स में दाखिले के लिए ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण देने का नोटिफिकेशन जारी कर दिया। सर्वोच्च न्यायालय ने इंदिरा साहनी केस और मराठा आरक्षण मामले में साफ कहा है कि कुल आरक्षण 50% से अधिक नहीं हो सकता। याचिकाकर्ता के वकील आदित्य संघी ने दलील दी कि आर्थिक तौर पर कमजोर तबके को ही 10 फीसदी अतिरिक्त आरक्षण दिया जा सकता है। अगर ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण के साथ आर्थिक कमजोर तबके को 10 फीसदी आरक्षण दिया गया तो कुल आरक्षित सीटें 73 फीसदी हो जाएंगी। हाईकोर्ट ने ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण देने के फैसले पर रोक लगा रखी है। उसे हटाने का सरकार का आवेदन भी खारिज हो चुका है। इससे जुड़ी याचिकाओं पर अंतिम सुनवाई होनी है। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमठ तथा जस्टिस विजय शुक्ला की बेंच ने मामले की सुनवाई के बाद कहा कि दिसंबर में मेडिकल सीटों के कांउसिलिंग में ओबीसी को 14 फीसदी से अधिक आरक्षण न दिया जाए। बेंच ने इस याचिका को इससे जुड़ी अन्य याचिकाओं के साथ अंतिम सुनवाई के दौरान पेश करने के निर्देश जारी किए हैं।