केवड़िया। अपने दो दिवसीय गुजरात दौरे के दौरान पीएम मोदी ने केवड़िया के एकतानगर में संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस से मुलाकात की। मुलाकात के बाद दोनों नेताओं ने स्टैच्यू ऑफ यूनिटी में ‘मिशन लाइफ’(लाइफ स्टाइल फॉर एनवायरनमेंट) अभियान की शुरुआत की।
इस मिशन का उद्देश्य त्रिस्तरीय रणनीति को लागू करके जलवायु परिवर्तन के प्रभावों का मुकाबला करना है। मिशन लाइफ में दुनियाभर से एक नई शुरुआत की अपील की गई। इसमें पर्यावरण को बचाने के लिए शपथ लेने के अलावा संरक्षण की दिशा में काम करने के लिए प्रेरित किया जाएगा।
मिशन लाइफ में हर छोटी-छोटी चीजों के प्रति भी जागरूकता पैदा की जाएगी जिससे पर्यावरण को लाभ हो। मिशन लाइफ की लॉन्चिंग होते ही विदेशों में भी इसकी खूब चर्चा होने लगी। कई अन्य देशों के नेताओं ने इसे लेकर संदेश भेजना शुरू कर दिया है। पीएम मोदी ने इस मौके पर अपना संबोधन भी दिया। उन्होंने मिशन लाइफ अभियान के बारे में कई अहम बातें बताईं।
जलवायु परिवर्तन सिर्फ सरकार से जुड़ा मामला नहीं: पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि गुजरात भारत के उन राज्यों में से एक है जिसने सबसे पहले रिन्यूएबल एनर्जी और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में काफी पहले कदम उठाने शुरू किए थे। जलवायु परिवर्तन को लेकर ऐसी धारणा बनाई है जैसे वह नीति से जुड़ा मामला है। जैसे ही हम इसे नीति से जोड़कर देखते हैं तो जाने अंजाने में हम मान लेते हैं कि इस पर सरकार ही कुछ करेगी।
जलवायु परिवर्तन लोगों को सोचने के लिए मजबूर कर रहे: पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि आज हमारे ग्लेशियर पिघल रहे हैं, समुद्रों का जलस्तर बढ़ रहा है, हमारी नदियां सूख रही हैं, मौसम अनिश्चित हो रहे हैं। यह बदलाव लोगों को सोचने पर मजबूर कर रहे हैं कि जलवायु परिवर्तन को सिर्फ नीति के भरोसे नहीं छोड़ सकते। लोग महसूस कर रहे हैं कि उनकी इस धरती के लिए जिम्मेदारी है।
पीएम मोदी ने कहा कि मिशन LiFE P3 की अवधारणा को मजबूत करेगा। P3 यानी ‘प्रो प्लेनेट पीपल’। आज हम ऐसी दुनिया में जी रहे हैं जहां इस बात की चर्चा रहती है कि कौन किस देश या गुट के साथ या ख़िलाफ़ है। लेकिन मिशन LiFE ‘प्रो प्लेनेट पीपल’ के तहत जोड़ता है और विचार से समाहित कर एक कर देता है। यह ‘लाइफस्टाइल ऑफ द प्लेनेट, फॉर द प्लेनेट और बाय द प्लेनेट’ के मूल सिद्धांत पर चलता है।
हमने LED बल्ब लगा CO2 उत्सर्जन कम किया: पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि हमने LED बल्ब की योजना शुरू की और देश का प्राइवेट सेक्टर भी इसमें भागीदार बना। भारत में आए अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों को जानकर हैरानी होगी कि कुछ ही समय में भारत के लोगों ने 160 करोड़ से ज्यादा LED बल्ब घरों में लगाए जिसकी वजह से 100 मीलियन टन से अधिक का CO2 उत्सर्जन कम किया।