Modi 3.0: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल का एक साल पूरा होते ही भारत की रक्षा नीति में बड़ा बदलाव साफ दिखाई दे रहा है। अब भारत सिर्फ खतरे के जवाब में कार्रवाई करने वाला देश नहीं रहा, बल्कि दुश्मन से पहले ही वार करने की रणनीति पर भी मजबूती से आगे बढ़ रहा है। पीएम मोदी के तीसरे कार्यकाल के पहले साल की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक है। ऑपरेशन सिंदूर, जिसने भारत की सैन्य रणनीति और कूटनीतिक स्थिति में एक नया मोड़ लाया है।
भारत ने 7 मई को पाकिस्तान और पीओके के करीब नौ ठिकानों को तबाह कर दिया। जिसके बाद पाकिस्तान ने जवाबी कार्रवाई में बिना किसी उकसावे के भारत पर मिसाइल और ड्रोन से हमले करने की कोशिश की, साथ ही सीमा पर संघर्ष विराम उल्लंघन भी किए, लेकिन भारत की मजबूत वायु रक्षा प्रणालियों जैसे S-400 और सतर्क बलों ने इन प्रयासों को नाकाम कर दिया। जिसकी प्रशंसा केवल देश ही दुनियाभर में हो रही है।
क्षेत्रीय शक्ति संतुलन भारत की ओर
मोदी सरकार के ‘आत्मनिर्भर भारत’ मिशन के तहत रक्षा क्षेत्र में किए गए सुधारों और मेक इन इंडिया की सफल पहल ने भारतीय सेना को तकनीकी रूप से सशक्त और आत्मनिर्भर बनाया है, जिसका सबसे बड़ा उदाहरण ‘ऑपरेशन सिंदूर’ है, इसने न केवल दुश्मनों को चौंकाया बल्कि क्षेत्रीय शक्ति संतुलन को भी भारत के पक्ष में मोड़ दिया।
हथियार आपूर्तिकर्ता के रूप में भी उभर रहा भारत
इस ऑपरेशन में स्वदेशी हथियारों, ड्रोन, रडार सिस्टम, और संचार उपकरणों की बड़ी भूमिका रही। ऐसे में अब भारत न सिर्फ अपने लिए आधुनिक हथियार बना रहा है, बल्कि 23,000 करोड़ रुपये के रक्षा निर्यात के साथ दुनिया के सामने एक हथियार आपूर्तिकर्ता के रूप में भी उभर रहा है।
Modi 3.0 की एक साल की उपलब्धि
- ऑपरेशन सिंदूर में स्वदेशी मिसाइल, ड्रोन और इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सिस्टम का हुआ इस्तेमाल
- FY25 में भारत का रक्षा निर्यात 23,622 करोड़ रुपये तक पहुंचा – 2014 के मुकाबले 34 गुना बढ़ोतरी
- राफेल फाइटर जेट का फ्यूजलेज अब भारत में Tata Advanced Systems द्वारा होगा निर्माण
- तेजस, अर्जुन टैंक और ब्रह्मोस जैसे प्रोजेक्ट्स आत्मनिर्भरता का उदाहरण बने
- इटली, फ्रांस, अमेरिका जैसी कंपनियों ने भारत में निवेश को लेकर दिखाई दिलचस्पी