देश की मौद्रिक और ऋण की स्थिति में हो रहा है सुधार: आरबीआइ

नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक ने संकेत दिया है कि देश की अर्थव्यवस्था की संभावनाएं निकट भविष्य में और दीर्घकालिक समयावधि में मजबूत बनी रहेंगी। आरबीआइ की तरफ से जारी मासिक रिपोर्ट में घरेलू इकोनॉमी की जो समीक्षा की गई है कि वह सरकार के साथ ही शेयर बाजार और उद्योग जगत को भी काफी भरोसा दिलाएगी। रिपोर्ट में ब्रिटेन और दक्षिण अफ्रीका से आने वाली रिपोर्टों के हवाले से कहा गया है कि ओमिक्रोन 66 फीसद से 80 फीसद तक कम घातक है। ऐसे में इकोनॉमी में सुधार को लेकर उम्मीदें और मजबूत हुई हैं। देश की मौद्रिक और ऋण की स्थिति भी सुधर रही है। कर्ज वितरण की रफ्तार भी सुधर रही है। डिजिटल भुगतान में भी भारत की स्थिति काफी बेहतर है।

भारत में डिजिटल भुगतान की राशि वर्ष 2021 में 300 अरब डॉलर थी, जो वर्ष 2026 तक 1000 अरब डॉलर हो सकती है। सप्लाई चेन को लेकर जो दिक्कतें थी, वह भी खत्म हो रही हैं और माल ढुलाई की लागत में भी कमी आ रही है। आरबीआइ ने दूसरे और भी कई आंकड़े पेश करके यह जताने की कोशिश की है कि इकोनॉमी के समक्ष चिंता से ज्यादा संभावनाएं हैं। दरसल, देश में विदेशी मुद्रा भंडार का आकार 632.7 अरब डॉलर का है, जो देश के 13 महीनों के आयात बिल के बराबर है। आरबीआइ की ओर से यह भी कहा है कि राज्यों की आर्थिक और वित्तीय स्थिति में भी काफी बेहतरी देखने को मिल रही है।

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