Delhi: मॉनसून का मौसम अपने साथ सिर्फ ठंडक और राहत ही नहीं, कई तरह की बीमारियों को भी भी लेकर आता है. स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक इस साल अब तक डेंगू के 315 मामले देखने को मिल रहें है जो प्रति सप्ताह 20 से अधिक नए मामले सामने आ रहे हैं. मानसून सीजन और पानी जमने के कारण डेंगू के प्रजनन स्थलों में वृद्धि हुई है. यही वजह है कि मामलों में तेजी देखी जा रही है. पिछले सप्ताह ही 24 नए डेंगू के मामले दर्ज किए गए थे.
एंटी-लार्वा स्प्रे अभियान
दिल्ली नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग इस बीमारी को देखते हुए एंटी-लार्वा स्प्रे अभियान को तेज कर दी है. निगम अधिकारियों का कहा है कि जनता के सहयोग के बिना इस बीमारी पर काबू पाना मुश्किल है.
चिकित्सकों का कहना है कि डेंगू से बचाव के लिए साफ-सफाई पर जोर देना और मच्छरों के प्रजनन स्थलों को खत्म करना ही सबसे कारगर उपाय है. लोगों को अपने घरों और आसपास पानी जमा न होने देने, कूलर और गमलों का पानी समय-समय पर बदलने और पूरी बाजू के कपड़े पहनने की सलाह दी गई है.
बीमारियों की रोकथाम के लिए प्रयास जारी
इस साल अब तक डेंगू के 315 और 284 मलेरिया के मरीजों की पुष्टि हो चुकी है. वहीं चिकनगुनिया के 18 मरीजों की पुष्टि हुई है. आपको बता दें कि दिल्ली में पिछले कई सालों से जुलाई से अक्टूबर के बीच मच्छरजनित बीमारियों के मामले बढ़ते हैं. स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम की टीम लगातार इन बीमारियों की रोकथाम के लिए प्रयास कर रही है.
ऐसे होता है डेंगू, मलेरिया
डेंगू मच्छर के काटने से होता है. डेंगू का मच्छर आमतौर पर साफ पानी में पनपता है और दिन में काटता है. इस समय स्वच्छता जरूरी होता है. इससे रक्त कोशिकाओं में स्वच्छता बनी रहे. मलेरिया मादा एनाफिलीस मच्छर के काटने से होता है. ये मच्छर गंदे पानी में पनपते हैं. आमतौर पर मलेरिया के मच्छर रात में ही ज्यादा काटते हैं. कई मामलों में मलेरिया अंदर ही अंदर बढ़ता रहता है.
मच्छर से होने वाली बीमारियों के लक्षण
- तेज बुखार
- तेज बदन दर्द
- प्लेटलेट्स का गिरना
- नाक और मुंह से खून बहना
- ठंड लगना और बुखार आना
इसे भी पढ़ें:-यूपी में कमजोर हुआ मानसून, अब कहीं हल्की बारिश तो कहीं धूप निकलने की संभावना