Delhi: देश की राजधानी दिल्ली में एक बार फिर वायु प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ने लगा है. दिवाली से पहले ही हवा की गुणवत्ता खराब श्रेणी में पहुंच गई है. करीब 4 महीने बाद दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 200 के पार दर्ज किया गया है, जिससे लोगों के लिए सांस लेना मुश्किल होने लगा है. ऐसे में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने मंगलवार को दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान का चरण एक (GRAP-I) को तत्काल प्रभाव से लागू करने का आदेश दिया.
दिल्ली की हवा फिर हुई जहरीली
दिल्ली में मंगलवार को औसत AQI 211 दर्ज किया गया, जो ‘Poor’ कैटेगरी में आता है. सोमवार को यह 189, यानी ‘Moderate’ कैटेगरी में था. जून के बाद यह पहला मौका है जब दिल्ली का AQI 200 के पार गया है. मौसम में ठंडक बढ़ने और धूल भरी हवाओं के कारण प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ रहा है. एक्सपर्ट्स के अनुसार, आने वाले तीन महीने दिल्ली के 2 करोड़ से ज्यादा लोगों के लिए चुनौतीपूर्ण होंगे. दिवाली के पटाखे, पराली का धुआं, गिरता तापमान और धीमी हवाएं – ये सभी मिलकर दिल्ली की हवा को और ज्यादा जहरीला बना देंगे.
प्रदूषणकारी गतिविधियों पर लगेगा प्रतिबंध
इस अलर्ट के तहत, दिल्ली-एनसीआर की सभी कार्यान्वयन एजेंसियों को वायु गुणवत्ता में और गिरावट को रोकने के लिए GRAP चरण-I ढांचे में उल्लिखित उपायों को सख्ती से लागू करना आवश्यक है. इसमें धूल नियंत्रण के प्रयासों को तेज करना, प्रदूषणकारी गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाना और यह सुनिश्चित करने के लिए कड़ी निगरानी करना शामिल है कि वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) ‘बेहद खराब’ या ‘गंभीर’ श्रेणी में न पहुंच जाए.
GRAP का पहला चरण लागू: क्या हैं इसके नियम?
– सड़कों की मशीनों से सफाई और नियमित वॉटर स्प्रिंकलिंग.
– प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई.
– खुले में कचरा और धूल का नियमित निस्तारण.
– निर्माण स्थलों की जांच और 500 वर्गमीटर से बड़े ऐसे निर्माण स्थल, जो राज्य के ऑनलाइन पोर्टल पर रजिस्टर्ड नहीं हैं, उन्हें तुरंत बंद करने का आदेश.
पिछले साल के आंकड़े
पिछले साल दिल्ली का AQI 494 (बेहद गंभीर) स्तर तक पहुंच गया था, जो अब तक का दूसरा सबसे खराब स्तर था. 2023 में यह 468 और 2022 में 450 रहा था. हर साल प्रशासन कई कदम उठाता है, लेकिन हालात में बड़ा सुधार नहीं हो पाया है.