Delhi: दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कुछ दिनों पहले हटाए गए मद्रासी कैंप झुग्गी बस्ती को लेकर बड़ा बयान दिया है. उनके इस बयान से कई चीजे साफ हो गई हैं. उन्होंने कहा कि जिन झुग्गियों को हटाने के लिए कोर्ट ने आदेश दिया है, उसमें सरकार या प्रशासन कुछ नहीं कर सकता. उन्होने कहा कि दिल्ली में 2023 जैसी बाढ़ की स्थिति का दोबारा सामना न करना पड़े इसके लिए कोर्ट ने बारापुला नाले के किनारे बनी इन झुग्गियों को हटाने का फैसला लिया. ताकि नाले की सफाई के लिए मशीनें लगाई जा सके.
मद्रासी कैंप के लोगों को आवंटित किए गए घर
उन्होंने कहा, “उनकी सरकार दिल्लीवासियों की चिंता करती है और किसी भी हालात में लोगों की सुरक्षा से समझौता नहीं किया जा सकता.”
उन्होंने बताया कि नाले के किनारे बने मद्रासी कैंप को हटाने का निर्णय सर्वोच्च न्यायालय का है, न कि राज्य सरकार का. गुप्ता ने कहा कि अदालत के आदेश की अवहेलना करना किसी के लिए भी संभव नहीं है. उन्होंने यह भी साफ किया कि इस झुग्गी बस्ती के निवासियों को अन्य स्थानों पर शिफ्ट किया गया है और उन्हें घर भी आवंटित किए गए हैं.
सरकार लोगों को बेहतर सुविधाएं देने के लिए प्रतिबद्ध
सीएम ने कहा कि दिल्ली में आज 700 करोड़ रुपये की लागत से विकास कार्य हो रहे हैं, जो ना तो पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सरकार ने किए और ना ही कांग्रेस की सरकार ने कभी इसकी पहल की. उन्होंने कहा कि जब तक किसी झुग्गीवासी को पक्का मकान नहीं मिलता, तब तक उसे वहां से हटाया नहीं जाएगा और सरकार उन्हें बेहतर सुविधाएं देने के लिए प्रतिबद्ध है. लेकिन कोर्ट के आदेशों की अनदेखी संभव नहीं है.
बाढ़ की आशंका को लेकर सख्त आदेश जारी
मुख्यमंत्री ने राजनीतिकरण पर भी सवाल उठाए और कहा कि यदि इस तरह की झुग्गियों में हादसा होता है तो उसकी जिम्मेदारी किसकी होगी? क्या सौरभ भारद्वाज, आतिशी या अरविंद केजरीवाल जिम्मेदार होंगे? उन्होंने कहा कि कोर्ट जानता है कि उसे क्या करना है, और इसी कारण उसने नाले की सफाई और बाढ़ की आशंका को लेकर यह सख्त आदेश जारी किए हैं. दिल्ली सरकार अदालत के आदेशों का पालन करते हुए लोगों को सर्वोत्तम सुविधा देने के प्रयास में जुटी है.
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