Delhi: दिल्ली कैबिनेट ने निजी स्कूलों द्वारा ली जाने वाली फीस को विनियमित करने के लिए स्कूल एजुकेशन बिल को मंजूरी दे दी है। शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने इसकी घोषणा करते हुए कहा, “आज दिल्ली कैबिनेट ने दिल्ली स्कूल शिक्षा (फीस निर्धारण और विनियमन में पारदर्शिता) विधेयक को मंजूरी दे दी है। इसे 1 अप्रैल, 2025 से पूर्वव्यापी रूप से लागू किया जाएगा। यह विधेयक राष्ट्रपति के पास उनकी सहमति के लिए भेजा जाएगा। यह दिल्ली के लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है।” सरकार के इस फैसले से दिल्ली के प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के माता-पिता को बहुत राहत का सांस मिलेगी। इससे प्राइवेट स्कूलों द्वारा मनमानी फीस बढ़ोतरी पर लगाम लग सकेगी।
इस तरह लागू होगा बिल
- पहले स्कूल लेवल फीस रेगुलेशन कमेटी बनेगी.
- कमेटी में पैरेंट्स, स्कूल की प्रिंसिपल और तीन टीचर होंगी.
- स्कूल का डायरेक्टर उसका ऑब्जर्वर होगा.
- स्कूल अपनी मनमानी नहीं कर पाएगा, जितने पेरेंट्स हैं ड्रॉ के माध्यम से पेरेंट्स को चुना जाएगा.
- कमेटी तय करेगी कि फीस बढ़नी चाहिए या नहीं बढ़नी चाहिए.
- यह कमेटी 31 जुलाई तक फॉर्म हो जाएगी.
- अगले अकादमिक ईयर के लिए लागू होने वाली फीस की चर्चा करने के लिए 30 दिन के अंदर रिपोर्ट देनी होगी.
- अगर यह कमेटी 30 दिन के अंदर रिपोर्ट नहीं दे पाएगी तो डिस्ट्रिक्ट लेवल कमिटी के पास मामला चला जाएगा.
- यह कमेटी 30 से 45 दिन के अंदर अपनी रिपोर्ट देगी. अगर यहां पर भी सहमति नहीं होगी तो स्टेट लेवल की कमेटी जिसका चेयरपर्सन मंत्रालय तय करेगा.
- उसके साथ एजुकेशनिस्ट, चार्टर्ड अकाउंटेंट, प्राइवेट स्कूल के प्रतिनिधि, पेरेंट्स के प्रतिनिधि, एडिशनल डायरेक्टर एजुकेशन के प्रतिनिधि ऐसे सात लोगों की कमेटी रिव्यू करेगी और अपना निर्णय देगी.
- बिल में यह भी प्रावधान किया गया है कि अगर स्कूल बिना अनुमति के फीस बढ़ाता है तो उस पर एक लाख रुपये से 10 लाख रूपये तक का जुर्माना लगेगा.
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