Indian Mission Violence: लंदन में भारतीय उच्चायोग के बाहर खालिस्तान समर्थकों की एक भीड़ की हिंसा पर अपनी प्रतिक्रिया में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि जब भारत को सम्मान नहीं मिलता है तो उनको गुस्सा आता है। मार्च में खालिस्तानी अलगाववादी अमृतपाल सिंह के झंडे और पोस्टर के साथ ब्रिटेन में भारतीय मिशन के बाहर कुछ लोगों ने प्रदर्शन किया था। विदेश मंत्री ने कहा कि मैं वास्तव में एक विमान से उतरा था, जब मैंने देखा कि यह शख्स लंदन में भारतीय उच्चायोग पर चढ़ रहा है और झंडे को नीचे खींचने की कोशिश कर रहा है।
वहीं, विदेश मंत्री ने पॉडकास्ट द रणवीर शो में भारत की विदेश नीति और गतिशील भू-राजनीतिक परिदृश्य में उभरती चुनौतियों से संबंधित कई मुद्दों पर बात की। जयशंकर ने कहा कि ‘जब लोग निजी हित साधने की कोशिश करते हैं, तो वे उसकी अनदेखी कर देते हैं। लेकिन जब ‘इंडिया’ को सम्मान नहीं दिया जाता है तो उनको गुस्सा आता और लोग कभी-कभी आप पर घात लगाते है।’
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ब्रिटेन पर भारतीय मिशन के राजनयिकों को सुरक्षा प्रदान करने के दायित्व को पूरा नहीं करने का भी आरोप लगाया। जिसकी अपेक्षा उस देश से की जाती है जहां एक उच्चायोग या वाणिज्य दूतावास स्थित है। उन्होने कहा कि इस बारे में उनकी ब्रिटिश सरकार से बातचीत हुई है। यह उनका दायित्व है कि वह एक राजनयिक को अपना काम करने के लिए सुरक्षा प्रदान करें। दूतावास या उच्चायोग के परिसर का सम्मान किया जाए। लेकिन इन दायित्वों को पूरा नहीं किया गया। भारत ने बाद में ब्रिटिश उप उच्चायुक्त को विदेश मंत्रालय में तलब करके ब्रिटेन के अधिकारियों के सामने कड़ा विरोध दर्ज कराया था।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एनआईए को इस हमले के बारे में एक नया मामला दर्ज करने को कहा था। गृह मंत्रालय ने दिल्ली पुलिस को इसके लिए निर्देश दिया था, जिसने यूएपीए के तहत एफआईआर दर्ज की थी, जिससे की एनआईए को जांच सौंपी जा सके। एनआईए ने संदिग्धों के पांच वीडियो जारी किए हैं, जिनके बारे में उनका मानना है कि वे लंदन में हिंसक विरोध प्रदर्शन में शामिल थे। इस बीच 15 जून को लंदन में भारतीय उच्चायोग पर हमले में शामिल एक प्रमुख खालिस्तानी समर्थक अवतार सिंह पुरबा उर्फ खांडा की लंबी बीमारी के कारण बर्मिंघम के एक अस्पताल में मौत हो गई।