Mann Ki Baat: कार्यक्रम में बोले PM मेादी- नदी, नहर, सरोवर केवल जल-स्रोत ही नहीं बल्कि जुड़े है जीवन के रंग और भावनाएं

New Delhi: पीएम मोदी ने आज मन की बात कार्यक्रम के 102वें एपिसोड को संबोधित किया। मन की बात कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा कि आमतौर पर ‘मन की बात’ हर महीने के आखिरी रविवार को आपके पास आती है, लेकिन इस बार यह एक हफ्ते पहले हो रही है। आप सभी जानते हैं, मैं अगले हफ्ते अमेरिका में रहूंगा और वहां कार्यक्रम काफी व्यस्त होने वाला है, और इसलिए मैंने सोचा कि मैं जाने से पहले आपसे बात कर लूं, इससे बेहतर क्या हो सकता है।

तेजी से विकास करने वाले जिलों में से एक कच्‍छ

पीएम मोदी ने पश्चिमी छोर पर आए चक्रवात के बारे में बात करते हुए कहा कि अभी हमने दो तीन पहले देखा कि देश के पश्चिमी छोर पर चक्रवाती तूफान आया। इस दौरान तेज हवाएं और बारिश हुईं। साइक्लोन बिपरजॉय ने कच्छ में भारी नुकसान किया लेकिन कच्छ के लोगों ने हिम्मत और तैयारी से इतने खतरनाक तूफान का जिस तरह मुकाबला किया, वह अभूतपूर्व है। उन्‍होंने कहा कि कभी दो दशक पहले आए विनाशकारी भूकंप के बाद कच्छ को कभी न उबर पाने वाला कहा जाता था… आज वही जिला देश के सबसे तेजी से विकास करने वाले जिलों में से एक है. मुझे विश्वास है कि कच्छ के लोग बिपरजॉय चक्रवात से हुई तबाही से तेजी से उभरेंगे.

प्राकृतिक आपदाओं से मुकाबला करने का बड़ा तरीका प्रकृति संरक्षण

प्रधानमंत्री ने कहा कि बीते वर्षों में भारत ने आपदा प्रबंधन की जो ताकत विकसित की है, वो आज एक उदाहरण बन रही है. प्राकृतिक आपदाओं से मुकाबला करने का एक बड़ा तरीका है – प्रकृति का संरक्षण. आजकल, मानसून के समय में तो, इस दिशा में, हमारी ज़िम्मेदारी और भी बढ़ जाती है.| इसलिए ही आज देश, ‘Catch the Rain’ जैसे अभियानों के जरिए सामूहिक प्रयास कर रहा है.

हापुड़ के लोगों ने विलुप्‍त नदी को किया पुनर्जीवित

पीएम मोदी ने कहा कि उत्‍तर प्रदेश के हापुड़ जिले में लोगों ने मिलकर के एक विलुप्त नदी को पुनर्जीवित किया है। यहां काफी समय पहले नीम नाम की एक नदी हुआ करती थी। समय के साथ वो लुप्त हो गई, लेकिन, स्थानीय स्मृतियां और जन– कथाओं में उसे हमेशा याद किया जाता रहा। आखिरकार, लोगों ने अपनी इस प्राकृतिक धरोहर को फिर से सजीव करने की ठानी। लोगों के सामूहिक प्रयास से अब ‘नीम नदी ‘ फिर से जीवंत होने लगी है। नदी के उद्गम स्थल को अमृत सरोवर के तौर भी विकसित किया जा रहा है।

बांदा जिले के तुलसीराम का जिक्र

उन्‍होंने आगे कहा कि मुझे चिट्ठी लिखकर कई ऐसे लोगों के बारे में बताया गया है जो पानी की एक-एक बूंद बचाने के लिए जी-जान से लगे हैं। ऐसे ही एक साथी हैं – यूपी के बांदा जिले के तुलसीराम यादव जी। तुलसीराम यादव जी लुकतरा ग्राम पंचायत के प्रधान हैं। आप भी जानते हैं कि बांदा और बुंदेलखंड क्षेत्र में पानी को लेकर कितनी कठिनाइयां रही हैं। इस चुनौती से पार पाने के लिए तुलसीराम जी ने गांव के लोगों को साथ लेकर इलाके में 40 से ज्यादा तालाब बनवाए हैं।

पीएम मोदी ने कहा कि नदी, नहर, सरोवर, ये केवल जल-स्रोत ही नहीं होते हैं, बल्कि इनसे, जीवन के रंग और भावनाएं भी जुड़ी होती हैं। ऐसा ही एक दृश्य अभी कुछ ही दिन पहले महाराष्ट्र में देखने को मिला। ये इलाका ज्यादातर सूखे की चपेट में रहता है। पांच दशक के इंतजार के बाद यहां Nilwande Dam की Canal का काम अब पूरा हो रहा है। कुछ दिन पहले Testing के दौरान Canal में पानी छोड़ा गया था। इस दौरान जो तस्वीरें आयी, वो वाकई भावुक करने वाली थी। गांव के लोग ऐसे झूम रहे थे, जैसे होली-दिवाली का त्योहार हो।

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