New delhi: दिल्ली सरकार ने तिहाड़ जेल के कैदियों की संख्या कम करने के लिए वैकल्पिक सुविधाओं का लगातार प्रयास कर रही है। इसके लिए अधिकारियों ने भूमि की तलाश के लिए भू स्वामित्व वाली कई एजेंसियों के साथ चर्चा की हैं। सीएम रेखा गुप्ता ने तिहाड़ जेल के मौजूदा परिसर को किसी अन्य स्थान पर स्थानांतरित कर नए जेल परिसर बनाने की एक नई योजना की घोषणा की थी।
तिहाड़ में कैदियों की क्षमता दोगुनी से भी ज्यादा
अधिकारिक सूत्रों के अनुसार, “सरकार के गृह विभाग ने भूमि व विकास कार्यालय, राजस्व और दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) जैसी भूमि स्वामित्व एजेंसियों के अधिकारियों के साथ बैठकें की शुरुआत कर दी हैं। अधिकारी तिहाड़ परिसर का मौजूदा सुविधाओं को देखने और कैदियों की भीड़ को कम करने के तरीकों पर विचार करेगी।”अधिकारी ने बताया कि दौरे के दौरान वे देखेंगे कि नए जेल परिसरों के बनने तक तिहाड़ में मौजूदा सुविधाओं के हिसाब से भीड़भाड़ को कम करने के उपाय किया जा सके। तिहाड़ जेल में कैदियों की क्षमता दोगुनी से भी ज्यादा मौजूद है। आधिकारिक आंकड़ों के द्वारा, तिहाड़ की क्षमता 5,200 कैदियों की है, लेकिन इसमें 12,945 कैदियों को रखा गया है। नौ केंद्रीय कारागारों में से तिहाड़ जेल को सबसे बड़े जेल परिसरों में से एक है।
नरेला में एक नई उच्च सुरक्षा वाली जेल परिसर का निर्माण
सरकार ने नरेला में एक नई उच्च सुरक्षा वाली जेल परिसर के निर्माण की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस जेल का वास्तुशिल्प डिजाइन अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह की ऐतिहासिक ‘सेलुलर जेल’ से प्रेरित होगा। अधिकारी ने बताया, “नरेला जेल भी तिहाड़ के कैदियों की भीड़ को कम करने के लिए सुविधायुक्त स्थान है। आदेश जारी होने के बाद 21 महीने में जेल के निर्माण की तैयार बना रहे हैं।” उन्होंने बताया, “इसके बाद करीब 250 से 300 कुख्यात कैदियों को तिहाड़ से नरेला स्थानान्तरित किया जाएगा।” केंद्र ने इस जेल के निर्माण के लिए पहले ही 100 करोड़ रुपये भुगतान कर दिया हैं और बाकी दिल्ली सरकार 40 करोड़ रुपये वहन करेगी।
इसे भी पढ़ें: भारत में पहली बार मानवयुक्त अंतरिक्ष उड़ान,वर्ष 2025 गगनवर्ष घोषित, ISRO चीफ ने बताया प्लान